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Make in India: स्मार्टफोन का बंपर निर्यात कर रहा भारत, एक साल में हुई 700 फीसद की वृद्धि

रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में भारत से स्मार्ट फोन का निर्यात महज 20 करोड़ डॉलर मूल्य का था जो वित्त वर्ष 2018-19 में बढ़कर 160 करोड़ डॉलर हो गया।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 08:59 AM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 08:59 AM (IST)
Make in India: स्मार्टफोन का बंपर निर्यात कर रहा भारत, एक साल में हुई 700 फीसद की वृद्धि
Make in India: स्मार्टफोन का बंपर निर्यात कर रहा भारत, एक साल में हुई 700 फीसद की वृद्धि

नई दिल्ली, हरिकिशन शर्मा। मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम का असर दिखने लगा है। इस अभियान की शुरुआत के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं का उत्पादन पांच साल में दोगुना हो गया है बल्कि भारत अब स्मार्टफोन के निर्यातक के रूप में उभर रहा है। भारत से स्मार्टफोन का निर्यात संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई, रूस, दक्षिण अफ्रीका और चीन को हो रहा है। स्मार्टफोन के निर्यात में एक साल में 700 प्रतिशत वृद्धि हुई है।

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की वार्षिक रिपोर्ट, 2018-19 में इसकी जानकारी देते हुए कहा गया है कि मेक इन इंडिया के साथ ही मोबाइल फोन हैंडसेट और कंपोनेंट्स मैन्यूफैक्चरिंग एक फ्लैगशिप सेक्टर के रूप में उभरा है। घरेलू मोबाइल फोन के उत्पादन की बदौलत मोबाइल फोन का आयात कम हुआ है।

रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में भारत से स्मार्ट फोन का निर्यात महज 20 करोड़ डॉलर मूल्य का था, जो वित्त वर्ष 2018-19 में बढ़कर 160 करोड़ डॉलर हो गया। इस बीच वाणिज्य मंत्रलय के ताजा आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों (अप्रैल-जुलाई) के दौरान भारत से स्मार्टफोन का निर्यात एक अरब डॉलर के पार जा चुका है।

माना जा रहा है कि वित्त वर्ष पूरा होने तक यह बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाएगा। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2014-15 में देश में इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं का उत्पादन 31.2 अरब डॉलर मूल्य का था जो वित्त वर्ष 2018-19 में बढ़कर 65.5 अरब डॉलर हो गया है। इसमें मोबाइल हैंडसेट की हिस्सेदारी 3.1 अरब डॉलर से बढ़कर 24.3 अरब डॉलर हो गई है।

गौरतलब है कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं की मांग का सिर्फ एक-तिहाई ही घरेलू उत्पादन से पूरा कर पाता है। शेष मांग आयात के जरिये पूरी होती है। देश के कुल आयात में इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत के आस-पास है।


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