RBI Monetary Policy 2019: आरबीआई ने घटाया जीडीपी ग्रोथ का अनुमान, जानिए मॉनेटरी पॉलिसी की मुख्य बातें
RBI Monetary Policy 2019 रिजर्व बैंक ने कैलेंडर वर्ष में लगातार पांचवीं बार रेपो रेट में कमी की है। साथ ही वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटा दिया है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने सबकी उम्मीदों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में लगातार चौथी बार रेपो रेट में कटौती का ऐलान किया। इसके साथ ही रेपो दर घटकर 5.15 फीसद के आंकड़े पर आ गया है। हालांकि, पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार के घटकर पांच फीसद पर आने के बाद केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को 6.9 फीसद से घटाकर 6.1 फीसद कर दिया है।
उम्मीद की जा रही है कि मौद्रिक नीति को और उदार बनाये जाने के आरबीआई के फैसले से आने वाले दिनों में बाजार में नकदी की उपलब्धता और अधिक बढ़ेगी और मांग एवं खपत में बढ़ोत्तरी होगी। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद मौद्रिक नीति समिति के फैसलों के बारे में संवाददाताओं को जानकारी दी। आरबीआई की वित्त वर्ष 2019-20 के लिए चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
- प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की कटौती। इससे रेपो रेट 5.15 फीसद पर आ गया है। रिवर्स रेपो रेट कम होकर अब 4.90 प्रतिशत रह गया है। केंद्रीय बैंक ने इस कैलेंडर वर्ष में लगातार पांचवीं बार नीतिगत दर में कटौती की घोषणा की है। आरबीआई इस साल अबतक रेपो दर में कुल 1.35 फीसद की कटौती कर चुका है।
- केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर के अनुमान को 6.9 फीसद से घटाकर 6.1 फीसद करने का फैसला किया है। आरबीआई ने अगस्त, 2019 में अपनी द्विमासिक समीक्षा बैठक के दौरान जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.9 फीसद बताया था।
- भारतीय रिजर्व बैंक ने आर्थिक वृद्धि की रफ्तार बढ़ाने के लिए मौद्रिक नीति में समायोजन बिठाने वाला नरम रुख बरकरार है।
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- RBI ने दूसरे क्वार्टर के लिए खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान संशोधित कर 3.4 फीसद किया। वहीं दूसरी छमाही में खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान 3.5 से 3.7 फीसद पर बरकरार रखा गया है।
- भारतीय रिजर्व बैंक ने माना है कि प्रमुख नीतिगत दरों में कटौती का लाभ लोगों तक पहुंचाने के काम को पूरी तरह से अंजाम नहीं दिया गया है।
- विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि। एक अक्टूबर तक विदेशी मुद्रा भंडार 434.6 अरब डॉलर रहा। विदेशी मुद्रा भंडार में 31 मार्च 2019 के मुकाबले 21.7 अरब डॉलर की वृद्धि।
- मौद्रिक नीति समिति के सभी सदस्य दरों में कटौती को लेकर सहमत रहे। मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक तीन से पांच दिसंबर 2019 को होगी।