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रसोई गैस और केरोसिन पर सब्सिडी की दर तय

केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2015-16 के लिए एलपीजी की खातिर 18 रुपये प्रति किलो की दर से सब्सिडी की तय की है।

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2015 08:04 AM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2015 08:05 AM (IST)
रसोई गैस और केरोसिन पर सब्सिडी की दर तय

नई दिल्ली, ब्यूरो। केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2015-16 के लिए एलपीजी की खातिर 18 रुपये प्रति किलो की दर से सब्सिडी की तय की है। केरोसिन के मामले में यह सब्सिडी 12 रुपये प्रति लीटर होगी। अभी तेल कंपनियों के लिए केरोसिन की लागत 29.91 रुपये प्रति लीटर है। जबकि राशन की दुकानों पर इसका बिक्री मूल्य 14.96 रुपये है। इसमें से 12 रुपये की सब्सिडी मिलेगी और शेष 2.96 रुपये का बोझ तेल कंपनियों को स्वयं उठाना होगा। जबकि रसोई गैस के मामले में 14.2 किलो के सिलेंडर की कीमत 417.82 रुपये है। सरकार इस मूल्य के अलावा 167.48 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी तेल कंपनियों को देगी।

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पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में बताया, 'चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इंडियन ऑयल को 2,506 करोड़ रुपये, हिंदुस्तान पेट्रोलियम को 1,155 करोड़ और भारत पेट्रोलियम को 1,183 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। केरोसिन और रसोई गैस सब्सिडी के तौर पर इन तीनों कंपनियों को संयुक्त तौर पर 7,432 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है।' चालू तिमाही (जुलाई-सितंबर) में सब्सिडी की यह राशि और कम होने की संभावना है। अगर आगामी तीनों तिमाहियों में यही स्थिति रहे तो सरकार की तरफ से दी जाने वाली सब्सिडी का स्तर काफी कम हो जाएगा। यह सरकार के खजाने के लिए भी बहुत अच्छा साबित होगा।

कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने की वजह से चालू वित्त वर्ष में कुल मिलाकर पेट्रोलियम सब्सिडी के तौर पर सरकार 88,800 करोड़ रुपये बचाएगी। ऐसा इसलिए होगा, क्योंकि चालू साल के लिए पेट्रोलियम के लिए सब्सिडी की गणना 70 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से की गई थी। फिलहाल यह कीमत 50 डॉलर के आसपास है।

18 लाख लोगों ने छोड़ी सब्सिडी वाली एलपीजी
आम जनता से सब्सिडी वाले रसोई गैस छोड़ने की प्रधानमंत्री की अपील का असर होने लगा है। अभी तक देश में 18 लाख लोगों ने सब्सिडी वाली एलपीजी सिलेंडर से तौबा कर लिया है। एक तरफ अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की घट रही कीमतें और दूसरी तरफ स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ते लोगों की वजह से सरकार पर इस वर्ष रसोई गैस सब्सिडी का बोझ काफी कम होने के आसार हैं।

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