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अस्थाई है अर्थव्यवस्था में सुस्ती, सुधर जाएंगे हालात: रविशंकर प्रसाद

प्रसाद ने कहा कि टैक्स का संग्रह भी एक महत्वपूर्ण मापदंड है। आयकर संग्रह साल 2017-18 में 10.02 लाख करोड़ रहा था जो कि साल 2013-14 में सिर्फ 6.38 लाख करोड़ था।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 11:40 AM (IST)Updated: Thu, 12 Sep 2019 11:40 AM (IST)
अस्थाई है अर्थव्यवस्था में सुस्ती, सुधर जाएंगे हालात: रविशंकर प्रसाद
अस्थाई है अर्थव्यवस्था में सुस्ती, सुधर जाएंगे हालात: रविशंकर प्रसाद

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। जीडीपी ग्रोथ में कमी आना एक 'अस्थाई घटना' है। भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद बड़ी मजबूत है और आने वाले समय में चीजें सुधर जाएंगी। यह बात केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को अहमदाबाद में कही। वे चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ के 5 फीसद रहने के बारे में बात कर रहे थे। प्रसाद ने कहा कि इस सुस्ती के लिए वैश्विक और घरेलू फैक्टर्स जिम्मेदार हैं।

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प्रसाद ने कहा, "भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद बेहद मजबूत है। मुद्रास्फीति दर 3.15 फीसद और राजकोषीय घाटा 3.4 फीसद पर है। हम दोनों को कट्रोल में रखे हुए हैं। इसके अतिरिक्त भारत ने साल 2019-20 में 16.30 बिलियन डॉलर के विदेशी निवेश को आकर्षिक किया है, जो कि 28 फीसद की बढ़त लिये हुए है।"

रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 428 बिलियन डॉलर का है। वे नरेंद्र मोदी सरकार 2.0 के पहले 100 दिनों की उपलब्धियों पर बोल रहे थे। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, "इन सभी मापदंडों पर भारत बहुत मजबूत है। अगर जीडीपी ग्रोथ पहली तिमाही में 5 फीसद रही है, तो यह आने वाले समय में पटरी पर भी आ जाएगी। उन्होंने कहा कि यह एक अस्थाई घटना है। यह कुछ वैश्विक और घरेलू फैक्टर्स के कारण हो रहा है, लेकिन हम अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रहे हैं।"

प्रसाद ने आगे टैक्स और जीएसटी संग्रह पर भी बात की। उन्होंने कहा, "टैक्स का संग्रह भी एक महत्वपूर्ण मापदंड है। आयकर संग्रह साल 2017-18 में 10.02 लाख करोड़ रहा था, जो कि साल 2013-14 में 6.38 लाख करोड़ था। यही नहीं, जीएसटी संग्रह अगस्त 2019 में 98,202 करोड़ रुपये रहा, जो कि अगस्त 2018 से 4.51 फीसद ज्यादा है।"

साथ ही प्रसाद ने घोषणा की है कि अगले महीने से आयकर नोटिस सीधे करदाता के पास नहीं भेजा जाएगा। ये नोटिस पहले एक सिस्टम से गुजरेंगे, जहां पहले उनकी जांच होगी।


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