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अभी नहीं है Loan Moratorium की जरूरत, कई स्थानों पर लॉकडाउन के बीच RBI ने कहा

देशभर में कई स्थानों पर स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन के बीच रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इस समय लोन के भुगतान में मोरेटोरियम देने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि कारोबारियों ने स्थिति से निपटने के लिए बेहतर तैयारी की है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Wed, 07 Apr 2021 04:59 PM (IST)Updated: Thu, 08 Apr 2021 04:02 PM (IST)
अभी नहीं है Loan Moratorium की जरूरत, कई स्थानों पर लॉकडाउन के बीच RBI ने कहा
रिजर्व बैंक के गवर्नर ने लोन मोरेटोरियम को एक पारंपरिक इंस्ट्रुमेंट करार दिया। (PC: ANI)

मुंबई, पीटीआइ। देशभर में कई स्थानों पर स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन के बीच रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इस समय लोन के भुगतान में मोरेटोरियम देने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि कारोबारियों ने स्थिति से निपटने के लिए बेहतर तैयारी की है। उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने पिछले साल मार्च से अगस्त के बीच बॉरोअर्स को ऐसे समय में लोन की ईएमआई के भुगतान से मोहलत दी थी जब कोरोना महामारी व इसे रोकने के लिए लागू लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई थी। पूरे महाराष्ट्र में गैर-आवश्यक सेवाओं के लिए लॉकडाउन लागू कर दिया है। इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी सहित देश के विभिन्न हिस्सों में रात्रि कर्फ्यू का ऐलान किया गया है।  

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नए वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक नीतिगत समीक्षा के बाद दास ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ''आज की परिस्थितियों में मोरेटोरियम की कोई जरूरत नहीं है।''

दास ने कहा कि बिजनेसेज ने आज के समय में स्थिति से निपटने और अपनी गतिविधियां जारी रखने को लिए बेहतर तैयारी की है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वह केंद्रीय बैंक के भविष्य में लिए जाने वाले फैसलों को लेकर अभी से कोई संकेत नहीं दे सकते हैं। 

रिजर्व बैंक के गवर्नर ने लोन मोरेटोरियम को एक पारंपरिक इंस्ट्रुमेंट करार दिया। दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने महामारी के समय इकोनॉमी को उबारने के लिए कई तरह के नए उपाय किए। उन्होंने इस बात की ओर इशारा किया कि बुधवार को घोषित GSAP प्रोग्राम के तहत स्ट्रक्चर्ड बॉन्ड की खरीदारी ऐसे ही कदमों में से एक है।  

उन्होंने कहा, ''हम एसेट क्वालिटी डेटा को नियमित तौर पर मॉनीटर करते हैं। किसी भी परिस्थिति में किसी केंद्रीय बैंक को बिना सोचे समझे किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए....हम किसी भी तरह का निर्णय करने से पहले हालात, इसकी गहराई, गंभीरता और प्रभावों का आकलन करेंगे।''


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