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LIC IPO: वित्त मंत्रालय ने आईपीओ से पूर्व LIC के मूल्यांकन के लिए आमंत्रित की निविदाएं, जानें पूरा ब्योरा

वित्त मंत्रालय ने लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (LIC) में सरकार की हिस्सेदारी की बिक्री से पहले कंपनी के बीमांकन (एक्चुरिअल) मूल्य के आकलन के लिए कंपनियां से निविदाएं आमंत्रित की है। सरकार ने देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी की अल्पांश हिस्सेदारी बेचने की योजना बनायी है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2020 07:19 PM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 07:11 AM (IST)
LIC IPO: वित्त मंत्रालय ने आईपीओ से पूर्व LIC के मूल्यांकन के लिए आमंत्रित की निविदाएं, जानें पूरा ब्योरा
सरकार Deloitte और SBI Caps को पहले ही आईपीओ पूर्व लेनदेन के लिए परामर्शदाता नियुक्त कर चुकी है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। वित्त मंत्रालय ने लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (LIC) में सरकार की हिस्सेदारी की बिक्री से पहले कंपनी के बीमांकन (एक्चुरिअल) मूल्य के आकलन के लिए कंपनियां से निविदाएं आमंत्रित की है। सरकार ने देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी की अल्पांश हिस्सेदारी बेचने की योजना बनायी है। साथ ही कंपनी को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध किया जाएगा। सरकार Deloitte और SBI Caps को पहले ही आईपीओ पूर्व लेनदेन के लिए परामर्शदाता नियुक्त कर चुकी है।

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डिपार्टमेंट ऑफ इंवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (दीपम) ने कहा है कि LIC को प्रस्तावित इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) के लिए जरूरी चीजों को सार्वजनिक करने के वास्ते एक इंडियन एम्बेडेड वैल्यू (IEV) विकसित करना होगा। 

किसी भी इंश्योरेंस कंपनी में शेयरधारकों की शेयरधारिता के एकीकृत मूल्य के आकलन के लिए एम्बेडेड वैल्यू निकाला जाता है।  

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वित्त मंत्रालय ने कहा है कि LIC के साथ मिलकर IEV तैयार करने के लिए प्रतिष्ठित एवं पात्र एक्चुरिअल कंपनियों से निविदा या बोलियां आमंत्रित करने के लिए आशय पत्र जारी किया गया है। सरकार ने बोली जमा करने के लिए आठ दिसंबर की समयसीमा निर्धारित की है।  

सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान हिस्सेदारी की बिक्री के जरिए 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था। इसमें सीपीएसई के विनिवेश के जरिए सरकार ने 1.20 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। साथ ही वित्तीय संस्थाओं में हिस्सेदारी की बिक्री के जरिए सरकार ने 90,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था। चालू वित्त वर्ष में सरकार सीपीएसई के विनिवेश के जरिए अब तक 6,138 करोड़ रुपये जुटा सकी है। 


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