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सरकारी स्वामित्व से बैंकों की दशा सुधरने वाली नहीं: कोटक

कोटक महिंद्रा बैंक के चेयरमैन उदय कोटक का कहना है कि सरकार और नियामकों के बेहतर तालमेल में ही भारतीय बैंकिंग सेक्टर का बेहतर भविष्य छुपा है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Fri, 15 Jun 2018 12:50 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jun 2018 08:25 AM (IST)
सरकारी स्वामित्व से बैंकों की दशा सुधरने वाली नहीं: कोटक
सरकारी स्वामित्व से बैंकों की दशा सुधरने वाली नहीं: कोटक

मुंबई (बिजनेस डेस्क)। कोटक महिंद्रा बैंक के चेयरमैन उदय कोटक ने सरकारी बैंकों की मौजूदा दुर्गति और उनके क्रियाकलापों पर जमकर हमला बोला है। कॉरपोरेट गवर्नेस पर पूंजी बाजार नियामक सेबी द्वारा गठित एक समिति की अध्यक्षता कर चुके कोटक ने कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरधारकों को सालाना संदेश में कहा कि सरकारी स्वामित्व से बैंकों का भला होगा, ऐसा सोचना भी व्यर्थ है।

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अपने संदेश में किसी भी बैंक का सीधे नाम लिए बिना कोटक ने कहा, ‘हमारे आसपास के पिछले कुछ घटनाक्रमों को देखते हुए नीति नियंताओं का यह मानना बचकानी बात है कि सरकारी नियंत्रण से बैंकिंग सेक्टर का भला होने वाला है।’ उनका कहना था कि सरकार और नियामकों के बेहतर तालमेल में ही भारतीय बैंकिंग सेक्टर का बेहतर भविष्य छुपा है।

गौरतलब है कि बैंकिंग सेक्टर के नीति नियंता बैंकों का स्वामित्व किसी एक संस्था के हाथ में होने की जगह कई संस्थाओं के समूह को देने की वकालत करते रहे हैं। सरकार ने कोटक को भी अपने बैंक में प्रमोटर हिस्सेदारी इस वर्ष के अंत तक घटाकर 20 फीसद पर लाने को कहा है। कोटक ने कहा, ‘यह समझ से परे है कि बैंकिंग सेक्टर का जरा भी ज्ञान नहीं रखने वाले निदेशक और प्रबंधक कर्ज देने और हजारों करोड़ रुपये का कर्ज माफ करने जैसे फैसले लेते रहे हैं।’


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