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रिटायरमेंट सेविंग के लिए बेस्ट हैं ये 4 स्कीम, जानिए किसमें मिलेगा कितना फायदा

सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (SCSS) प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एंप्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) आदि स्कीम रिटायरमेंट के लिए बेस्ट हैं।

By Sajan ChauhanEdited By: Published: Mon, 03 Jun 2019 06:11 PM (IST)Updated: Wed, 05 Jun 2019 02:00 PM (IST)
रिटायरमेंट सेविंग के लिए बेस्ट हैं ये 4 स्कीम, जानिए किसमें मिलेगा कितना फायदा
रिटायरमेंट सेविंग के लिए बेस्ट हैं ये 4 स्कीम, जानिए किसमें मिलेगा कितना फायदा

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आमतौर पर लगभग सभी युवा अपनी 25 वर्ष की उम्र से कमाने की शुरुआत करते हैं और रिटायरमेंट की उम्र तक कमाते हैं। रिटायरमेंट के लिए सेविंग करना एक काफी लंबा प्रोसेस है। जब भी कोई व्यक्ति रिटायरमेंट के लिए प्लानिंग करने का विचार करता है तो वह ऐसी निवेश स्कीम देखता है जो सुरक्षित हो और अधिक ब्याज दर की पेशकश करती हो। सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (SCSS), प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY), नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS), एंप्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) आदि स्कीम रिटायरमेंट के लिए बेस्ट हैं।

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यहां हम इन चारों स्कीम के फीचर्स के बारे में बात करेंगे:

सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS)

वरिष्‍ठ नागरिकों के निवेश के लिए एक अच्‍छी योजना है। इस योजना पर वर्तमान में 8.7 फीसद ब्‍याज मिल रहा है। इस योजना की मैच्योरिटी 5 साल पर होती है, जिसे 3 साल तक और बढ़ाया जा सकता है। इस स्कीम में अधिकतम 15 लाख रुपये तक जमा किए जा सकते हैं।

प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY)

इस स्कीम में अधिकतम 15 लाख रुपये तक जमा किए जा सकते हैं। PMVVY को ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से खरीदा जा सकता है। इस पॉलिसी का टर्म 10 साल का होता है। इस स्कीम में न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये प्रति माह है और अधिकतम 10,000 रुपये प्रति माह है। इस पॉलिसी के तीन साल पूरे होने के बाद लोन लिया जा सकता है जो कि कुल अमाउंट का 75 फीसद हो सकता है।

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)

एनपीएस अकाउंट दो प्रकार के होते हैं। एनपीएस टियर-I अकाउंट लॉक इन पीरियड के साथ आता है वहीं एनपीएस टियर-II अकाउंट ऑप्शनल लॉक इन पीरियड के साथ आता है। इस सेविंग स्कीम में मेंबर 2 लाख रुपये तक पर टैक्स में छूट के लिए सेक्शन 80 सीसीडी (1) और 80 सीसीडी (1बी) के तहत क्लेम कर सकता है। इस पर मिलने वाला ब्याज मार्केट लिंक्ड होता है।

एंप्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF)

किसी भी 20 से अधिक संस्थान वाले कर्मचारियों की सैलरी से 12.5 फीसद राशि पीएफ में जमा की जाती है और उतना ही योगदान नियोक्ता की ओर से भी दिया जाता है। यह अमाउंट रिटायरमेंट के लिए काम आता है। 1 माह बेरोजगार रहने की स्थिति में इससे 75 फीसद अमाउंट निकाला जा सकता है और 2 माह बेरोजगार रहने पर 25 फीसद भी निकाला जा सकता है। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए ईपीएफ पर 8.65 फीसद प्रति वर्ष का ब्याज दर तय किया गया है।  

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