समझिए केरल की बाढ़ से देश को होने वाले बड़े आर्थिक नुकसान के बारे में
केरल की बाढ़ से इंश्योरेंस कंपनियों को बड़ा घाटा होगा, क्योंकि इंश्योरेंस कंपनियां बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के चलते घर के नुकसान को कवर करती हैं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारी बारिश और फिर बाढ़ ने न सिर्फ केरल के सामान्य जनजीवन को तहत-नहस कर दिया बल्कि इसने राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बड़ी चोट पहुंचाने का काम किया है। केयर रेटिंग की मानें तो केरल की जीडीपी 100 बेसिस प्वाइंट तक नीचे फिसल सकती है। वहीं अगर राज्य में आई बाढ़ की भयावहता को राष्ट्रीय स्तर पर आंके तो इसने आम आदमियों के लिए महंगाई और बीमा कंपनियों के लिए आर्थिक चपत को सुनिश्चित कर दिया है।
भड़केगी महंगाई: केरल एक कृषि आधारित अर्थव्यवस्था है। केरल में कृषि खाद्यान्न और निर्यात की जानेवाली फसलों के लिए बिल्कुल उपयुक्त है। ऐसे में जब शादियों का सीजन नजदीक आ रहा है, केरल में जलप्रलय के चलते चीजों का महंगा होना तय माना जा रहा है। केरल में नारियल, चावल, सुपारी, काजू, रबड़, कालीमिर्च, अदरक आदि की खेती बहुतायत से की जाती है, जिसका निर्यात देशभर में किया जाता है। ऐसे में जाहिर तौर पर ये सभी चीजें महंगी हो जाएंगी।
केरल की बाढ़ से कॉफी उत्पादन पर असर पड़ेगा। देश के कुल कॉफी उत्पादन में केरल एवं कर्नाटक राज्यों का योगदान 90 फीसद से ज्यादा रहता है, ऐसे में जाहिर तौर पर कॉफी के दामों में भी बढ़ोतरी हो सकती है।
इंश्योरेंस कंपनियों को होगा बड़ा घाटा: केरल की बाढ़ से इंश्योरेंस कंपनियों को बड़ा घाटा होगा, क्योंकि इंश्योरेंस कंपनियां बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के चलते घर के नुकसान को कवर करती हैं। ऐसे में जब पूरे केरल में जल प्रलय आया हुआ है तो जाहिर तौर पर बीमा कंपनियों को बड़ा नुकसान होगा। क्योंकि अगर केरल की 30 फीसद आबादी ने भी अगर अपने घरों को प्राकृतिक आपदा से कवर करने वाला इंश्योरेंस ले रखा होगा, तो कंपनियों को उन्हें नुकसान की भरपाई के बराबर पैसा देना होगा।
राज्य की अर्थव्यवस्था और पर्यटन क्षेत्र को नुकसान: केयर रेटिंग की रिपोर्ट के मुताबिक भारी बारिश से पीड़ित राज्य की जीडीपी इस वित्त वर्ष के 7.6 फीसद के बजटीय अनुमान से घटकर 6.5 से 7 फीसद पर पहुंचने का अनुमान है। राज्य की जीडीपी में औद्योगिक क्षेत्र का योगदान सिर्फ 26 फीसद है, जबकि 66 फीसद योगदान सेवा क्षेत्र का है, जिसमें से अकेले पर्यटन क्षेत्र की हिस्सेदारी 40 फीसद की है।
सबसे ज्यादा नुकसान एर्नाकुलम और कोच्चि क्षेत्र में हुआ है जो कि औद्योगिक रुप से सबसे ज्यादा सक्रिय और पर्यटन के लिहाज से प्रमुख माना जाता है। यानी राज्य की बाढ़ ने केरल के पर्यटन क्षेत्र को भी बड़ा नुकसान पहुंचाया है।