किर्लोस्कर समूह को एनबीएफसी व्यवसाय करने के लिए रिजर्व बैंक से मिली मंजूरी, कंपनी 1000 करोड़ रुपये करेगी निवेश
किर्लोस्कर समूह को रिजर्व बैंक से गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), किर्लोस्कर कैपिटल शुरु करने के लिए लाइसेंस मिल गया है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। किर्लोस्कर समूह को रिजर्व बैंक से गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), किर्लोस्कर कैपिटल शुरु करने के लिए लाइसेंस मिल गया है। इस कंपनी का नेतृत्व उद्योग जगत के अनुभवी विमल भंडारी करेंगे। समूह कंपनी ने कहा कि वह प्रस्तावित एनबीएफसी में 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी, जो किर्लोस्कर ऑयल इंजन की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी होगी।
कंपनी ने एक बयान में कहा, 'किर्लोस्कर कैपिटल अगले तीन वर्षों में 1,000 करोड़ रुपये की पूंजी प्रतिबद्धता के साथ बेहतर पूंजी वाली कंपनी होगी।' कंपनी छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) पर प्रारंभिक ध्यान केन्द्रित करने के साथ इस उद्योग को विकासशील पूंजी प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
आरबीआई की ओर से मिले लाइसेंस पर किर्लोस्कर समूह के अध्यक्ष अतुल किर्लोस्कर ने कहा कि हम रिजर्व बैंक की ओर से मिले अनुमति से खुस हैं और व्यवसाय शुरू करने के लिए उत्साहित हैं। वहीं, नामित सीईओ, भंडारी ने कहा कि वे फरवरी-मार्च तक वाणिज्यिक परिचालन शुरू करेंगे और इसका मुख्यालय पहले ही केंद्रीय मुंबई में काम कर रहा है।
किर्लोस्कर ने कहा कि समूह में 30,000 से अधिक खुदरा विक्रेता हैं और लगभग 1,000 डीलर जुड़े हैं जिनके जरिए खासतौर से एसएमई क्षेत्र को फायदा होगा।
विमल भंडारी का अनुभव
किर्लोस्कर कैपिटल में शामिल होने से पहले, भंडारी इंडोस्टार कैपिटल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रह चुके हैं। इससे पहले, भंडारी ने एगॉन के साथ सात साल तक कंट्री हेड के रूप में काम किया है। वह आईएल एंड एफएस के वित्तीय सेवा व्यवसाय की अगुवाई की जिम्मेदारी उन पर थी, जहां उन्होंने 17 वर्षों तक कार्य किया जिसमें 12 साल वह कार्यकारी निदेशक रहे।