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दिवाली से पहले ज्वैलर्स को मिली बड़ी राहत, उद्योग जगत ने काउंसिल के फैसले को सराहा

ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन ने जीएसटी काउंसिल के फैसले की सराहना की है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 08 Oct 2017 11:58 AM (IST)Updated: Sun, 08 Oct 2017 04:32 PM (IST)
दिवाली से पहले ज्वैलर्स को मिली बड़ी राहत, उद्योग जगत ने काउंसिल के फैसले को सराहा
दिवाली से पहले ज्वैलर्स को मिली बड़ी राहत, उद्योग जगत ने काउंसिल के फैसले को सराहा

नई दिल्ली (जेएनएन)। रत्न एवं आभूषण डीलरों को मनी लांडिंग रोधी कानून (पीएमएलए) कानून के तहत जानकारी देने से मिली राहत का उद्योग जगत ने स्वागत किया है। आभूषण विक्रेताओं का कहना है कि इस कदम से त्योहारी सीजन में बिक्री बढ़ेगी क्योंकि उन्हें 50 हजार रुपये से ज्यादा की खरीद करने वाले ग्राहकों का न तो पैन नंबर लेना होगा न ही उनका रिकॉर्ड रखकर जमा करना होगा।

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सरकार ने शुक्रवार को उस अधिसूचना को रद कर दिया जिसके तहत कंपनियों, व्यापारियों और संगठनों को मनी लांडिंग कानून के नियमों के अनुसार बड़े नकद लेनदेन की जानकारी होती थी। इसी नियम के तहत ज्वैलरी खरीदने वाले ग्राहकों का रिकॉर्ड रखकर उनकी रिपोर्टिग करनी पड़ती है।

ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन (जीजेएफ) के चेयरमैन नितिन खंडेलवाल ने कहा, ‘यह उद्योग जगत के लिए शानदार खबर है। हम इस फैसले के लिए सरकार के आभारी हैं। यह एक सकारात्मक कदम है और इससे बाजार की धारण मजबूत होगी। इस फैसले के बाद त्योहारी सीजन में अच्छे कारोबार की उम्मीद है।’

अनमोल ज्वैलर्स के संस्थापक इशू दतवानी ने कहा कि यह बड़ा कदम है और दिवाली से ठीक पहले यह फैसला कारोबार के लिहाज से श्रेष्ठ है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड के डायरेक्टर और पी. एन. गाडगिल ज्वैलर्स के सीएमडी सौरभ गाडगिल ने कहा कि पीएमएलए के तहत आने के बाद से ही यह उद्योग समस्याओं का सामना कर रहा था।

उन्होंने कहा, ‘पीएमएलए के हिसाब से 50 हजार रुपये से ज्यादा के आभूषण खरीद के लिए केवाईसी लेना बहुत छोटी सीमा थी। सरकार ने इस मामले में अच्छा कदम उठाया है और इससे आभूषण विक्रेताओं को ही नहीं, ग्राहकों को भी फायदा होगा।’ जीजेएफ के पूर्व चेयरमैन श्रीधर जी. वी. ने भी फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आभूषण उद्योग परेशानियों से गुजर रहा था। नवरात्र के दौरान खरीद कम रही। ताजा फैसले के बाद बिक्री में बढ़ोतरी को लेकर आभूषण उद्योग आशान्वित है।

कैसे मिली ज्वैलर्स को छूट: पीएमएलए के तहत बैंकों को 50 हजार रुपये से अधिक के कैश लेनदेन की रिपोर्टिग करनी होती थी। अधिसूचना रद होने से ये प्रावधान निष्प्रभावी हो गए। इसी प्रावधान के तहत ज्वैलर्स को पैन नंबर लेकर जानकारी देनी होती थी। अधिसूचना रद होने से ज्वैलर्स को भी इस नियम से राहत मिल गई। इससे 50 हजार रुपये से अधिक की ज्वैलरी खरीद के लिए पैन नंबर रखने की अनिवार्यता खत्म हो गई है।


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