जेट एयरवेज ने रोकी अपनी सभी उड़ानें, 20 हजार नौकरियों पर गहराया संकट
बुधवार को आखिरी उड़ाने के बाद जेट एयरवेज ने अपने सभी ऑपरेशन्स पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। लगातार 25 वर्षों तक अपनी सेवाएं देने के बाद जेट एयरवेज ने बुधवार को आखिरकार अपने सभी ऑपरेशन्स पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी। विमानन कंपनी ने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि कर्जदाताओं ने 400 करोड़ का आपातकालीन फंड देने से इनकार कर दिया है। ऐसी स्थिति में 20,000 नौकरियां, यात्रियों का रिफंड, वेंडर्स का बकाया और बैंकों का 8500 करोड़ का बकाया सब कुछ दांव पर लग गया है।
जेट एयरवेज की स्थापना नरेश गोयल ने की थी। गोयल ने अपने करियर की शुरुआत एक सामान्य सेल्स एजेंट के तौर पर की थी और देखते ही देखते वो एक ट्रैवल एजेंसी जेटेयर के साथ अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस के मेजबान बन गए जो कि एक फुल सर्विस करियर है, जिसने करीब 10 मिलियन यात्रियों को ढाई दशक तक अपनी सेवाएं दीं। जेट एयरवेज की ओर से जारी बयान में कहा गया, "नतीजतन, तत्काल प्रभाव से, हम अपनी सभी अंतरर्राष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों को अस्थायी रूप से रद्द करने के लिए मजबूर हैं। आखिरी फ्लाइट आज उड़ान भरेगी।"
प्रीमियर एयरलाइन ने 2010 के संकट के बाद इतिहास में दूसरी बार संकट की स्थिति देखी। लगातार चार तिमाहियों में हुए नुकसान ने कंपनी की मुश्किलें और बढ़ी दीं और इसे सभी तरह के भुगतान में डिफाल्ट करने पर मजबूर कर दिया। जैसे कि बैंकों को पट्टेदारों को, और कर्मचारियों को। इसी वजह से बुधवार को कंपनी को यह मुश्किल फैसला लेना पड़ा क्योंकि उसके परिचालन वाले विमानों की संख्या 5 तक सीमित हो गई जो कि पिछले वर्ष दिसंबर में 123 रही थी।