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जेट की बेहाली का मिलेगा फायदा, स्पाइसजेट के शेयरों में 15% की उछाल

पिछले हफ्ते आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि स्पासइजेट किराए पर विमान देने वाली कंपनियों से बातचीत कर रही है जिन्होंने किराया नहीं चुकाने की वजह से जेट को दिए गए विमानों को ऑपरेशन से हटा लिया है।

By Abhishek ParasharEdited By: Published: Fri, 22 Mar 2019 11:24 AM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 11:25 AM (IST)
जेट की बेहाली का मिलेगा फायदा, स्पाइसजेट के शेयरों में 15% की उछाल

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नकदी संकट की वजह से लगातार बेहाल होते जेट एयरवेज की स्थिति का फायदा बजट एयरलाइंस स्पाइसजेट को मिल सकता है।

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शुक्रवार को एसएंडपी बीएसई में स्पाइसजेट के शेयर जबरदस्त वॉल्यूम के दम पर करीब 15 फीसद तक उछल गए।

दोपहर करीब 11.30 बजे बीएसई में स्पाइसजेट का शेयर 9 फीसद की उछाल के साथ 99.20 रुपये पर ट्रेड कर रहा है।

पिछले हफ्ते आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि स्पासइजेट किराए पर विमान देने वाली कंपनियों से बातचीत कर रही है, जिन्होंने किराया नहीं चुकाने की वजह से जेट को दिए गए विमानों को ऑपरेशन से हटा लिया है।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया था, 'किराए पर विमान देने वाली कंपनियों का सब्र अब टूट रहा है क्योंकि जेट ने उनका किराया नहीं दिया है और अगर कंपनी दीवालिया प्रक्रिया में जाती है, तो उनके विमान भारत में फंस सकते हैं। यही वजह से इनमें से कई कंपनियां स्पाइस जेट से बातचीत कर रही है।'

पिछले दो हफ्तों में स्पाइसजेट के शेयरों में करीब 15 फीसद का उछाल आया है, वहीं जेट एयरवेज का शेयर करीब 10 फीसद से अधिक तक टूट चुका है। 

क्या है जेट संकट?

गौरतलब है कि जेट एयरवेज किसी अन्य रास्ते से फंडिंग जुटाने में विफल रही है, जिसके बाद उसके पास सीमित विकल्प ही बचते हैं।

नकदी संकट की वजह से जेट कर्ज चुकाने में नाकाम रही है। इसके साथ ही वह पायलटों और अन्य वेंडर्स का बकाया नहीं चुका पाई है, जिसकी वजह से उसे अपने 40 से अधिक विमानों को ऑपरेशन से हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

जेट एयरवेज में कंपनी के फाउंडर नरेश गोयल और उनके परिवार की करीब 52 फीसद हिस्सेदारी है, जबकि रणनीतिक साझेदार और अबू धाबी की कंपनी एतिहाद की 24 फीसदी हिस्सेदारी है।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व में बैंकों का समूह जेट एयरवेज के लिए समाधान योजना पर काम कर रहा है। जेट पर करीब 8,200 करोड़ रुपये का कर्ज है। कंपनी को संकट के उबारने के लिए गोयल अपनी हिस्सेदारी को कम कर 22 फीसद करने के लिए तैयार हैं।

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