Jagran Dialogues: मकान खरीदने से पहले किन बातों का रखना चाहिए ध्यान, रेरा में कैसे कर सकते हैं शिकायत, एक्सपर्ट्स से जानिए
Jagran Dialogues जागरण न्यू मीडिया के मनीश मिश्रा और अभिनव गुप्ता ने प्रोपर्टी की खरीद रियल एस्टेट से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं पर Anarock Property Consultants के चेयरमैन Anuj Puri और UP-RERA के सदस्य Balvinder Kumar से विस्तार से चर्चा की।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। क्या आप इस वक्त किराये के मकान में रह रहे हैं और अपने सपनों का घर खरीदना चाहते हैं? आप पहले से 2BHK के मकान में रह रहे हैं और 3BHK का मकान खरीदना चाहते हैं? आप इंवेस्टमेंट के उद्देश्य से घर खरीदना चाहते हैं। Jagran Dialogues के इस सोमवार के एपिसोड में इसी विषय पर विस्तार से चर्चा हुई और आपके सवालों के जवाब तलाशे गए। जागरण न्यू मीडिया के मनीश मिश्रा और अभिनव गुप्ता ने प्रोपर्टी की खरीद, रियल एस्टेट से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं पर Anarock Property Consultants के चेयरमैन Anuj Puri और UP-RERA के सदस्य Balvinder Kumar से विस्तार से चर्चा की। इस बातचीत के अहम अंश इस प्रकार हैंः
सवालः रेरा कानून क्या है? इसमें मकान खरीदारों के हित में किस प्रकार के प्रावधान हैं?
बलविंदर कुमारः केंद्र सरकार 2016 में रेरा कानून लेकर आई। उसके बाद अलग-अलग राज्य सरकारों द्वारा नियम बनाए गए। उसके बाद पीठों का गठन किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य मकान खरीदारों को राहत दिलाना है। इसकी वजह यह है कि रेरा कानून आने से पहले बहुत से हाउसिंग प्रोजेक्ट विलंबित हो गए थे। बहुत से प्रोजेक्ट बंद हो गए थे। और लाखों मकान खरीदारों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनके द्वारा निवेश किए गए पैसे के बदले प्रोपर्टी मिल पाएगी या नहीं या पैसे वापस मिलेंगे या नहीं। जिन लोगों ने खून-पसीने की कमाई रियल एस्टेट में लगा रखी थी और जिनके पैसे फंस गए थे, उन्हें किसी तरह की आशा की किरण नजर नहीं आ रही थी।
उत्तर प्रदेश में अब तक करीब 34,000 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। इनमें 26,500 शिकायतों का निवारण हो चुका है। भारत में एनसीआर ऐसा पॉकेट है, जहां सबसे ज्यादा प्रोजेक्ट्स लेट हुए हैं, इसके लिए फिजिकल सुनवाई होती है। इसके साथ ही ऑनलाइन सुनवाई भी हो रही है।
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सवालः प्रोपर्टी खरीदने का यह सही समय है या अभी लोगों को इंतजार करना चाहिए?
अनुज पुरीः रियल एस्टेट में इंवेस्टमेंट लाइफ टाइम का इंवेस्टमेंट होता है। किसी भी व्यक्ति का। पूरी जिंदगी वे काम करते हैं। लोग थोड़ी-थोड़ी पूंजी जमा करते हैं और इस बात की उम्मीद करते हैं कि उनका घर समय पर मिल जाएगा। साथ ही क्वालिटी वाला मकान मिल जाएगा। अब आते हैं कि यह मकान खरीदने का सही वक्त है या नहीं। हमने पिछले दो तिमाहियों में रियल एस्टेट सेक्टर में अभूतपूर्व तेजी देखी है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा स्टांप ड्युटी में दो फीसद की छूट दिए जाने से अफोर्डेबल हाउसिंग के साथ-साथ लग्जरी मकानों की डिमांड में भी काफी वृद्धि देखने को मिली। उसके कई तरह के कारण हैं। इसमें सबसे बड़ा कारण है सामाजिक सुरक्षा का कारण। महामारी के समय में सबको लग रहा है कि मेरे पास अपना घर होना चाहिए। पुणे एवं बेंगलुरु में बिल्डिंग हाउसिंग सोसायटीज ने किरायेदारों को लेकर नियम काफी सख्त कर दिए हैं, इस वजह से लोग अपना घर खरीदना चाहते हैं।
पहली बार यह ट्रेंड देखने को मिला है कि मिलेनियल्स बड़ी संख्या में घर खरीद रहे हैं। पहली बार 25-27 से 30 साल तक के लोग घर खरीदने के लिए बाहर निकले हैं। साथ ही ब्याज दर 15 साल के निचले स्तर पर चल रहे हैं। महामारी की वजह से डेवलपर्स ने भी रेट घटाएं। इस वजह से काफी डिमांड देखने को मिला। अगर आप इंवेस्टर हैं तो अभी घर मत खरीदिए क्योंकि तुरंत रेट नहीं बढ़ने वाले हैं। लेकिन अगर आप अपने रहने के लिए मकान खरीदने जा रहे हैं तो यही समय है। प्राथमिकता रेडी टू मूव मकान को देना चाहिए। मुंबई में भी रेडी टू मूव नए घरों की सबसे ज्यादा डिमांड देखने को मिली है।
अगर आपके आसपास ऐसे प्रोजेक्ट नहीं है तो आप निर्माणाधीन मकान ले सकते हैं। लेकिन इससे पहले रेरा के तहत बिल्डर का ट्रैक रिकॉर्ड देखिए। लोकैलिटी देखिए। कंस्ट्रक्शन की स्थिति देखिए। कानूनी पहलू पर गौर करिए। यह देखिए कि हम लोन मिल सकता है या नहीं। आसपास में सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थिति देखिए। साथ ही नेगोशिएट करना मत भूलिए।