IDBI-LIC सौदे पर बात से पहले ही IRDA की मंजूरी
आइडीबीआइ बैंक में एलआइसी द्वारा अपनी हिस्सेदारी 51 फीसद पर पहुंचाने की कोशिश संबंधी खबरों को बैंक ने सिरे से खारिज कर दिया है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सार्वजनिक क्षेत्र के कर्जदाता आइडीबीआइ बैंक में एलआइसी द्वारा अपनी हिस्सेदारी 51 फीसद पर पहुंचाने की कोशिश संबंधी खबरों को बैंक ने सिरे से खारिज कर दिया है। बैंक का कहना है कि इस बारे में अब तक उसके निदेशक बोर्ड में कोई चर्चा नहीं हुई है। दूसरी तरफ बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने एलआइसी को आइडीबीआइ में अतिरिक्त पूंजी निवेश को मंजूरी भी दे दी है।
दिलचस्प यह है कि मौजूदा नियमों के मुताबिक कोई भी बीमा कंपनी किसी भी अन्य कंपनी में 15 फीसद से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं खरीद सकती। ऐसे में कहा जा रहा है कि इरडा ने एलआइसी के लिए नियमों में ढील दी है। अगर यह सौदा होता है, तो आइडीबीआइ में सावर्जनिक बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) की नियंत्रक हिस्सेदारी हो जाएगी। इसके लिए उसे बैंक में 1,3000 करोड़ लगाने होंगे। वर्तमान में बैंक में एलआइसी की हिस्सेदारी 11 फीसद है।
शेयर बाजारों ने सौदे की चर्चा के बारे में शुक्रवार को बैंक से स्पष्टीकरण मांगा था। इसके जवाब में बैंक ने कहा कि एलआइसी द्वारा बैंक में 13,000 करोड़ तक निवेश किए जाने के बारे में उसके निदेशक बोर्ड में अब तक कोई चर्चा नहीं हुई है।
जानकारी के लिए बता दें कि आइडीबीआइ लगातार बढ़ते फंसे कर्जो यानी एनपीए के चलते दबाव में है। मार्च तिमाही में बैंक का सकल एनपीए 55,600 करोड़ रुपये के भारी-भरकम स्तर पर पहुंच गया था। इस तिमाही में बैंक का शुद्ध घाटा 5,663 करोड़ रुपये रहा था। बैंक का बाजार पूंजीकरण करीब 23,000 करोड़ रुपये है, जबकि रियल एस्टेट एसेट और इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो का अनुमानित आकार 20,000 करोड़ रुपये है।