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इस सरकारी Gold Bond में निवेश के हैं फायदे ही फायदे, 10 जुलाई तक है खरीदने का मौका

SGB में निवेश का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें निवेशक को दोहरा फायदा होता है। इस स्कीम में निवेशक को उसके निवेश पर हर साल 2.5 फीसद ब्याज मिलता है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 09:32 AM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 07:22 AM (IST)
इस सरकारी Gold Bond में निवेश के हैं फायदे ही फायदे, 10 जुलाई तक है खरीदने का मौका
इस सरकारी Gold Bond में निवेश के हैं फायदे ही फायदे, 10 जुलाई तक है खरीदने का मौका

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सोने में निवेश कर दोहरी कमाई करने की इच्छा रखने वालों के लिए 10 जुलाई तक सरकारी गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने का मौका है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने मौजूदा वित्त वर्ष की चौथी सरकारी गोल्ड बॉन्ड सीरीज सब्सक्रिप्शन के लिए खोल दी है। इस स्कीम में 10 जुलाई तक निवेश किया जा सकता है। आरबीआई ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (Sovereign Gold Bond Scheme) की चौथी किस्त के लिए 4,852 रुपये प्रति ग्राम की कीमत तय की है।

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गोल्ड बॉन्ड (Gold Bond) के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वालों और डिजिटल माध्यम से पेमेंट करने वालों के लिए यह कीमत 50 रुपये की छूट के साथ 4,802 रुपये प्रति ग्राम है। आइए जानते हैं कि सॉवेरन गोल्ड बॉन्ड में निवेश के क्या-क्या फायदे हैं।

सरकारी गोल्ड बॉन्ड में निवेश का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें निवेशक को दोहरा फायदा होता है। इस स्कीम में निवेशक को उसके निवेश पर हर साल 2.5 फीसद ब्याज मिलता है। इसके साथ ही सोने की कीमत में वृद्धि के अनुसार निवेशक का रिटर्न भी बढ़ता जाता है। एक्सपर्ट के अनुसार, लंबे समय के लिए सोने में निवेश करने के उद्देश्य से एसजीबी (SGB) सोने में निवेश का सबसे सही माध्यम है।

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पिछले करीब एक डेढ़ साल से सोना निवेशकों के लिए सेफ हैवन बना हुआ है। पहले यूएस-चीन ट्रेड वॉर फिर यूएस-इरान तनाव और अब कोरोना वायरस संकट के कारण निवेशक सोने में जमकर निवेश कर रहे हैं। यही कारण है कि सोने ने पिछले एक साल में 40 फीसद से अधिक रिटर्न दिया है। सोने की कीमतों में पिछले एक साल में इतनी अधिक तेजी के बावजूद विशेषज्ञ आने वाले समय में भी इस सोने के रिटर्न को लेकर सकारात्मक नजर आ रहे हैं। वैश्विक मंदी के और गहराने की आशंका के चलते ऐसी स्थिति बन रही है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में ग्राहक 999 गुणवत्ता वाला सोने का बॉन्ड खरीदता है। ऐसे में ग्राहक गोल्ड बॉन्ड की क्वालिटी को लेकर तो निश्चिंत रहता ही है, साथ ही उसे गोल्ड की सुरक्षा से जुड़ी चिंता करने की भी आवश्यकता नहीं होती है। गोल्ड बॉन्ड खरीदने पर ग्राहक फिजिकल गोल्ड को रखने के लिए लॉकर इत्यादि के खर्च से भी बच जाता है। इसके अलावा ग्राहक जब गोल्ड बॉन्ड बेचने जाता है, तो किसी तरह का मेकिंग चार्ज भी नहीं लगता है।

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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में कोई भी व्यक्ति न्यूनतम एक ग्राम सोना खरीद सकता है। किसी वित्त वर्ष में एक व्यक्ति या अविभाजित हिन्दू परिवार अधिकतम चार किलोग्राम सोना खरीद सकता है। वहीं, ट्रस्ट जैसे संगठन अधिकतम 20 किलोग्राम तक सोना खरीद सकते हैं।


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