Infrastructure में भारी निवेश ही भारत को संकट से उबारेगा, राजकोषीय घाटे की नहीं करनी चाहिए परवाह : UN
यूएन डेवलपमेंट रिसर्च ब्रांच के प्रमुख हामिद राशिद ने विशेष बातचीत में कहा कि कोरोना महामारी के चलते इकोनॉमी पर जिस तरह का दबाव है उससे इसे बाहर निकालने के लिए सरकार को राजकोषीय घाटे की बिल्कुल परवाह नहीं करनी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र, आइएएनएस। अगर भारत को कोरोना संकट की इस लहर से जल्द उबरना है और उसे विकास गति को तेजी देनी है तो इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भारी निवेश करना ही होगा। यूएन डेवलपमेंट रिसर्च ब्रांच के प्रमुख हामिद राशिद ने विशेष बातचीत में कहा कि कोरोना महामारी के चलते इकोनॉमी पर जिस तरह का दबाव है, उससे इसे बाहर निकालने के लिए सरकार को राजकोषीय घाटे की बिल्कुल परवाह नहीं करनी चाहिए। उनका कहना था कि आपदा में अक्सर कई अवसर छिपे होते हैं। अगर निवेश के सही निर्णय लिए जाएं तो न सिर्फ इकोनॉमी की रिकवरी में मदद मिलती है, बल्कि लोगों की जिंदगी में भी आमूल-चूल बदलाव दिखते हैं।
राशिद के अनुसार महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सरकारी कंपनियों द्वारा निवेश की संभावनाओं और कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के प्रयासों को देखते हुए लगता है कि चीजें जल्दी ठीक हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना संकट के चलते इकोनॉमी पर फिर बुरा असर पड़ा है। लेकिन कई मायनों में उम्मीद की किरण भी दिखती है। यह सही है कि भारत जैसे विकासशील देश के पास अमेरिका जैसी विकसित अर्थव्यवस्था के स्तर का प्रोत्साहन या राहत पैकेज देना संभव नहीं है। लेकिन इकोनॉमी को संभालने और गति देने के लिए भारत के सरकारी क्षेत्र में बड़े निवेश की गुंजाइश है।
राशिद ने कहा कि सरकार निवेश के लिए डिजिटल क्षेत्र और स्वास्थ्य क्षेत्र, इन दो सेक्टरों को प्राथमिकता दे सकती है। यह सरकार और सरकारी कंपनियों, दोनों के लिए बड़ा मौका है कि वे डिजिटल और हेल्थ सेक्टरों में निवेश करें। इन दोनों क्षेत्रों में निवेश से रोजगार के मौके बनेंगे और वस्तुओं व सेवाओं की मांग बढ़ेगी। इस समय भारत में ऑक्सीजन की मांग और उसकी आपूर्ति को लेकर जो समस्याएं आ रही हैं, वे हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर में बड़े निवेश की जरूरत और कारोबार के असाधारण मौकों की ओर इशारा करती हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर देश के पास टैक्स में बढ़ोतरी का विकल्प नहीं है तो उसे राजकोषीय घाटे की ओर देखना छोड़ चुनिंदा क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर निवेश करना चाहिए। जब निजी कंपनियां और क्षेत्र निवेश में सक्षम नहीं हैं और उसकी बहुत ज्यादा जरूरत है तो सरकार को ही आगे आना होगा।