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पीपीएफ व डाकघर बचत स्कीमों पर घटी ब्याज दर

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। महंगाई के दौर में सरकार से उम्मीद थी कि वह बचत स्कीमों पर ज्यादा ब्याज देकर आम जनता को राहत देगी, लेकिन हुआ ठीक इसका उलटा। केंद्र सरकार ने सोमवार को लोक भविष्य निधि यानी पीपीएफ और डाकघरों की दो वर्ष से ज्यादा अवधि की सभी मियादी जमा [एफडी] स्कीमों पर ब्याज दरों में 0.10 फीसद की कटौती का एलान कर दिया

By Edited By: Published: Mon, 25 Mar 2013 08:20 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
पीपीएफ व डाकघर बचत स्कीमों पर घटी ब्याज दर

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। महंगाई के दौर में सरकार से उम्मीद थी कि वह बचत स्कीमों पर ज्यादा ब्याज देकर आम जनता को राहत देगी, लेकिन हुआ ठीक इसका उलटा। केंद्र सरकार ने सोमवार को लोक भविष्य निधि यानी पीपीएफ और डाकघरों की दो वर्ष से ज्यादा अवधि की सभी मियादी जमा [एफडी] स्कीमों पर ब्याज दरों में 0.10 फीसद की कटौती का एलान कर दिया। नई दरें एक अप्रैल से लागू होंगी। साफ है कि महंगाई को ध्यान में रखते हुए इन स्कीमों पर वास्तविक रिटर्न और कम हो गया है।

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वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी सूचना के मुताबिक पीपीएफ पर सालाना ब्याज की दर 8.8 से घटकर 8.7 फीसद हो गई है। डाकघर की दो वर्ष की एफडी पर ब्याज दर 8.3 से घटाकर 8.2 फीसद की गई है। तीन वर्षो की एफडी स्कीमों पर ब्याज दर 8.4 से घटकर 8.3, पांच वर्ष के लिए 8.5 से घटकर 8.4 फीसद रह गई है।

पांच वर्ष की मासिक आय योजना [एमआइपी] पर ब्याज की दर 8.5 से घटकर 8.4 फीसद कर दी गई है। पांच वर्ष के एनएससी [नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट] पर ब्याज दर 8.6 से कम होकर 8.5 फीसद रह गई है। दस वर्ष की एनएससी पर ब्याज दर 8.9 से घटकर 8.8 फीसद कर दिया गया है। पांच वर्ष वाली वरिष्ठ नागरिक बचत योजना की ब्याज दर को 9.3 से घटाकर 9.2 फीसद कर दिया गया है।

केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष ही रिजर्व बैंक की एक उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों के आधार पर बचत स्कीमों पर ब्याज की दरों को बाजार से जोड़ दिया था। पहले कई वर्षो तक इन बचत स्कीमों पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होता था, अब हर वित्त वर्ष के पहले ही इसकी घोषणा हो जाया करेगी। इसके लिए थोक मूल्य आधारित महंगाई की दर को आधार बनाया जाता है।


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