Coronavirus का कहर कम होने से China में शुरू हुआ औद्योगिक उत्पादन, जल्द सामान्य होगी सप्लाई चेन
China की सरकार ने मार्च के अंत तक 80 फीसद उत्पादन फिर से चालू करने का लक्ष्य रखा है। बड़े आकार की 90 फीसद से अधिक इकाइयां उत्पादन शुरू कर चुकी हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। चीन से जल्द कच्चे माल की सप्लाई चेन थोड़ी ठीक हो सकती है। चीन के अधिकतर शहरों में औद्योगिक उत्पादन आरंभ हो गया है। भारतीय कारोबारी चीन में अपना ऑर्डर भी बुक करने लगे हैं। माना जा रहा है कि 10 अप्रैल के बाद से अधिकतर शिपमेंट शुरू हो जाएगी। हालांकि, माल मंगाने में होने वाले खर्च में पहले के मुकाबले 40 फीसद तक बढ़ोतरी दिख रही है।
चीन की सरकार ने मार्च के अंत तक 80 फीसद उत्पादन फिर से चालू करने का लक्ष्य रखा है। बड़े आकार की 90 फीसद से अधिक इकाइयां उत्पादन शुरू कर चुकी हैं। चीन में आइकिया और एपल के बंद पड़े स्टोर भी खुल चुके हैं। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशंस (फियो) के प्रेसिडेंट शरद कुमार सराफ ने बताया कि चीन के अधिकतर शहरों में औद्योगिक गतिविधियां शुरू चुकी हैं।
यहां तक कि कोरोना वायरस के प्रमुख केंद्र वुहान में भी 50 फीसद तक औद्योगिक उत्पादन होने लगा है। सराफ ने बताया कि चीन के ननजीन शहर में उनकी अपनी औद्योगिक इकाइयां हैं जहां पूरी तरह से काम शुरू है। उद्यमियों को उम्मीद है कि जल्द ही चीन से सप्लाई चेन बहाल हो जाएगी। कारोबारियों ने ऑर्डर देना शुरू कर दिया है।
चीन से माल मंगाने वाले कारोबारी मुख्य रूप से दो प्रकार से कारोबार करते हैं। डायरेक्ट और एजेंट के माध्यम से। एजेंट के माध्यम से कारोबार करने वाले कारोबारी फिलहाल ऑर्डर नहीं बुक कर पा रहे हैं। कारोबारियों को चीन से माल मंगाने में फिलहाल पहले के मुकाबले 40 फीसद तक अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है। पहले जिस कंटेनर को मंगाने में 1.5 लाख रुपये का खर्च आता था, अब 2 लाख रुपये देने पड़ रहे हैं।
एयरलिफ्ट से माल मंगाना और भी महंगा पड़ रहा है। दवा के लिए कच्चा माल मंगाने वाले उद्यमियों के मुताबिक एयरलिफ्ट से 100 रुपये प्रति किलो की लागत आ रही है, जबकि शिप से चार रुपये प्रति किलो की लागत आती है। उद्यमियों का कहना है कि वैकल्पिक उपाय की घोषणा सरकार इसलिए नहीं कर रही, जब तक घोषणा पर अमल होगा तब तक चीन में हालात सामान्य हो जाएंगे।
वहीं, घरेलू उद्यमियों को इस बात की चिंता सता रही है कि चीन से कंटेनर आने के बाद उसे 14 दिनों तक आइसोलेशन में रखना होगा। उसके बाद ही उन्हें माल दिया जाएगा। आइसोलेशन में माल को रखने से कोरोना वायरस का खतरा टल जाएगा।