Move to Jagran APP

FY19 में जीडीपी के 2.5 फीसद तक पहुंच सकता है चालू खाता घाटा: मूडीज

तुर्की की अनिश्चितता और चीन की आर्थिक सेहत की चिंता में पिछले हफ्ते रुपया 70.32 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड स्तर तक गिर गया था

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 08:23 AM (IST)Updated: Mon, 20 Aug 2018 08:23 AM (IST)
FY19 में जीडीपी के 2.5 फीसद तक पहुंच सकता है चालू खाता घाटा: मूडीज
FY19 में जीडीपी के 2.5 फीसद तक पहुंच सकता है चालू खाता घाटा: मूडीज

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। चालू वित्त वर्ष में भारत का चालू खाता घाटा जीडीपी के 2.5 फीसद तक पहुंच सकता है। इसकी प्रमुख वजह तेल की कीमतों का लगातार बढ़ना है। डॉलर के मुकाबले रुपये में आई गिरावट से स्थिति और गंभीर हुई है। अमेरिकी रेटिंग फर्म मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस और अन्य विशेषज्ञों ने यह आशंका जताई है।

loksabha election banner

तुर्की और चीन की चिंता में पतला हुआ रुपया: तुर्की की अनिश्चितता और चीन की आर्थिक सेहत की चिंता में पिछले हफ्ते रुपया 70.32 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड स्तर तक गिर गया था। मूडीज के जॉय रैंकोत्गे ने कहा कि कमजोर रुपये से निर्यात में तो लाभ होगा, लेकिन इससे व्यापार घाटे पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है। जुलाई में व्यापार घाटा पांच साल के ऊंचे स्तर 18.02 अरब डॉलर पर पहुंच गया। उन्होंने कहा कि भारत का चालू खाता घाटा वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी का 1.5 फीसद रहा था। 2018-19 में यह 2.5 फीसद तक पहुंच सकता है। कच्चे तेल की बढ़ी कीमत और अन्य वस्तुओं के आयात में वृद्धि से यह स्थिति बन रही है। वित्त वर्ष 2017-18 में शुद्ध तेल आयात जीडीपी के 2.6 फीसद पर रहा था। चालू वित्त वर्ष में यह और बढ़ सकता है।

जापान की वित्तीय फर्म नोमुरा ने चालू खाता घाटा 2.8 फीसद तक पहुंचने की आशंका जताई है। आइएचएस मार्किट के एपीएसी चीफ इकोनॉमिस्ट राजीव बिस्वास ने कहा, ‘रुपये में गिरावट के कई कारण हैं। इसकी एक बड़ी वजह अमेरिकी फेडरल रिजर्व की सख्त मौद्रिक नीति रही। इससे डॉलर में मजबूती आई। नकारात्मक पहलू यह भी है कि अर्जेटीना, वेनेजुएला और तुर्की जैसे उभरते बाजारों में आर्थिक संकट की वजह से वैश्विक निवेशक उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्रा और इक्विटी के प्रति सतर्कता बरत रहे हैं।’

इंडिया रेटिंग्स के प्रधान अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा ने कहा कि कमजोर रुपये के नफा-नुकसान दोनों हैं। इससे एक ओर जहां तेल आयात महंगा होने से चालू खाता घाटा बढ़ने की आशंका है। वहीं निर्यात के मोर्चे पर भारतीय कंपनियां प्रतिस्पर्धी बनेंगी। इंडिया रेटिंग्स ने 2018-19 में चालू खाता घाटा 2.6 फीसद पर पहुंचने का अनुमान जताया है। आइएचएस मार्किट के राजीव बिस्वास ने चालू खाता घाटा 2.4 फीसद रहने का अनुमान जताया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.