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ई-कॉमर्स के जरिए वैश्‍विक बाजार तक अपनी पहुंच बना रहे भारतीय उत्‍पाद, इससे बिक्री में हो रहा खूब इजाफा

अमेजन ग्लोबल सेलिंग और दैनिक जागरण की ओर से शनिवार को ई-कॉमर्स के जरिए निर्यात को बढ़ावा देने की संभावनाओं पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में अमेजन इंडिया के डायरेक्टर (ग्लोबल ट्रेड) अभिजीत कामरा ने इस नए आयाम पर विस्तार से प्रकाश डाला।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Sun, 20 Dec 2020 04:56 PM (IST)Updated: Mon, 21 Dec 2020 06:46 AM (IST)
ई-कॉमर्स के जरिए वैश्‍विक बाजार तक अपनी पहुंच बना रहे भारतीय उत्‍पाद, इससे बिक्री में हो रहा खूब इजाफा
अमेजन ग्लोबल सेलिंग और दैनिक जागरण द्वारा आयोजित वेबिनार

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कोविड-19 महामारी ने उद्योग-धंधों को तगड़ी चोट पहुंचाई है। इससे बड़े उद्यमियों के साथ लघु, कुटीर व मध्यम उद्यमियों (एमएसएमई) बड़े स्तर पर प्रभावित हुए। अब अनलॉक के दौर में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का प्रयास हो रहा है। इसमें ई-कॉमर्स सेक्टर भी अपना योगदान दे रहा है। वह उत्पादकों को विश्व के कोने-कोने तक आसान पहुंच का मौका दे रहा है। इससे छोटे उत्पादकों के उत्पाद के वैश्विक ब्रांड बनने का सपना साकार लगने लगा है। इस मामले में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

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अमेजन ग्लोबल सेलिंग और दैनिक जागरण की ओर से शनिवार को ई-कॉमर्स के जरिए निर्यात को बढ़ावा देने की संभावनाओं पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में अमेजन इंडिया के डायरेक्टर (ग्लोबल ट्रेड) अभिजीत कामरा ने इस नए आयाम पर विस्तार से प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने इस दिशा में कंपनी की भविष्य की योजनाओं को भी साझा किया। 

उन्होंने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़े कई सफल उद्यमियों का जिक्र करते हुए कहा कि परंपरागत तरीके से व्यापार के जरिए वे एक सीमित बाजार तक सीमित थे। इसके बाद निर्यात करने वाले उद्यमी भी वह प्रगति हासिल नहीं कर पाए, जो उन्होंने अमेजन के ग्लोबल सेलिंग प्रोग्राम से जुड़कर हासिल की।

अभिजीत ने दिल्ली की उद्यमी परीक्षा गोयनका का हवाला देते हुए कहा, 'उनका परिवार 30 वर्षों से आवश्यक (Essential) तेलों का निर्यात करता था। कोई तीन साल पहले परीक्षा अमेजन से जुड़ी। अब आनलाइन माध्यमों से उनके उत्पादों की बिक्री 10 गुना तक बढ़ गई है। ऐसे कई और भी उदाहरण हैं, जो गर्व से मेक इन इंडिया ब्रांड को विदेश में लेकर जा रहे हैं। वर्ष 2015 में हमने यह ग्लोबल प्रोग्राम यह देखकर शुरू किया था कि हमारे देश के उद्यमी व शिल्पकार कितना बढ़िया उत्पाद बना रहे हैं। क्यों न उसे दुनियाभर में पहुंचाया जाएं।'

कामरा ने बताया कि अब तक उनसे 70 हजार से अधिक निर्यातक जुड़ चुके हैं। जून 2020 तक दो बिलियन डॉलर का निर्यात किया जा चुका है। वर्ष 2025 तक इसे 10 बिलियन डालर करने का लक्ष्य है। कामरा ने कहा कि खास बात यह है कि कोविड काल में निर्यात बढ़ा है। इस दौर में अमेजन प्लेटफार्म से अधिक निर्यातक जुड़े। इसमें ई-कॉमर्स की मांग बढ़ी है। उसमें भी नए उत्पादों की मांग बढ़ी है। ई-कॉमर्स से निर्यात के माध्यम से देश में रोजगार के नए अवसर तो बढ़ ही रहे हैं, साथ ही विदेशी पैसा देश में लाने का काम भी हो रहा है।

कामरा ने आगे कहा, 'विदेशी ग्राहकों तक छोटे उद्यमियों की पहुंच बनाने की दिशा में अमेजन द्वारा काफी काम किया जा रहा है। हमारी कोशिश इस रास्ते में आने वाले अवरोधों को हटाते हुए छोटे शहरों तक पहुंच बनाने की है। भाषा समेत अन्य दिक्कतों को दूर करने के लिए तकनीक की मदद ली जा रही है।'

वेबिनार में इस्पात मंत्रालय की पूर्व सचिव डॉ अरूणा शर्मा ने कहा कि आयात के मुकाबले निर्यात काफी कम है। इस घाटे को पाटने के लिए जरूरी है कि खुद का उत्पाद बनाने के साथ निर्यात को प्रोत्साहित करें। इसके लिए जरूरी है कि अधिक लोग ई-कामर्स प्लेटफार्म से जुड़ें।

उन्होंने कहा, 'खास बात यह है कि इसके माध्यम से छोटे से छोटे उत्पादकों को वैश्विक बाजार में जाने और अपने उत्पाद वहां प्रदर्शित करके खरीदारों से मिली तत्काल प्रतिक्रिया के आधार पर अपने उत्पाद में बदलाव करने का मौका मिल रहा है। इससे वे प्रतिद्वंद्वी के उत्पादों और मूल्यों में अंतर को देख रहे हैं।'

उन्होंने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि सुदूर गांवों तक में मोबाइल नेटवर्क की सुविधा का विस्तार करते हुए डिजिटल प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल में लोगों को दक्ष बनाया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि ई-कामर्स प्लेटफॉर्म की विश्वसनीयता भी जरूरी है।

वेबिनार में इसके बाद चॉक एंड चकलज की मैनेजिंग डायरेक्टर पल्लवी अग्रवाल ने अमेजन के साथ अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि उनका बच्चों के लिए ज्ञानवर्धक खिलौने बनाने का काम है, पहले उनकी विक्रेताओं तक सीमित पहुंच थी। वह 2019 में अमेजन प्लेटफार्म से जुड़ी। वह अब किसी एक खरीदार पर निर्भर नहीं है, बल्कि उनके उत्पादों की पहुंच वैश्विक हो गई है। उन्होंने कहा, 'साफ शब्दों में कहे तो इस दौर में ई-कॉमर्स प्लेटफार्म से नहीं जुड़ना मुर्खतापूर्ण ही होगा। अगर अमेजन से न जुड़े होते, तो कोरोना काल में मुश्किल से पांच फीसद कारोबार होता। अब हम लगभग पूर्व की अच्छी स्थिति में है।'

सिरोना हाइजीन के फाउंडर एवं सीइओ दीप बजाज ने वेबिनार में अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे महिलाओं की माहवारी से जुड़ी समस्या सहित अन्य समस्याओं के निदान के लिए उत्पाद बनाते हैं। ई-कामर्स ने उनके उत्पादों के लिए वैश्विक बाजार दिया है। उनके पास हर माह 45 हजार से 60 हजार ऑर्डर आ रहे हैं। उन्होंने कहा, 'यह निर्यात अमेजन की बदौलत संभव हुआ है, क्योंकि अमेजन एक्सपोर्ट की टीम काफी दमदार है, जो बाकि काम बेहतर तरीके से करती है।'


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