इकोनॉमी के कोविड-पूर्व स्थिति में पहुंचने में लगेगा वक्त, सामान्य हालात के लिए दो तिमाही करना पड़ सकता है इंतजार
कोविड महामारी से देश की इकोनॉमी को हुए नुकसान की झलक पिछले हफ्ते RBI द्वारा जारी आंकड़ों में मिल रही है। रिपोर्ट में इकोनॉमी की सेहत के लिए महत्वपूर्ण 54 विभिन्न सेक्टरों की इस वर्ष फरवरी-सितंबर अवधि में स्थिति पेश की गई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोविड महामारी से देश की इकोनॉमी को हुए नुकसान की झलक पिछले हफ्ते RBI द्वारा जारी आंकड़ों में मिल रही है। रिपोर्ट में इकोनॉमी की सेहत के लिए महत्वपूर्ण 54 विभिन्न सेक्टरों की इस वर्ष फरवरी-सितंबर अवधि में स्थिति पेश की गई है। इसके मुताबिक 54 में से सिर्फ 20 सेक्टर ऐसे हैं जिनकी गतिविधियां (बिक्री या उत्पादन की वृद्धि दर) कोविड-पूर्व यानी फरवरी, 2020 के स्तर पर पहुंच चुकी हैं या उससे आगे निकल चुकी हैं। बिजली की मांग, दोपहिया वाहनों की बिक्री, स्टील उपभोग जैसे क्षेत्र में कारोबारी स्थिति से पहले जैसी हो गई है। इस दौरान वित्तीय सेक्टर की स्थिति ज्यादा तेजी से सामान्य हुई है।
फरवरी के मुकाबले सितंबर में बैंक क्रेडिट में दो, बैंक जमा में सात, पहली बार जीवन बीमा कराने वालों से प्राप्त प्रीमियम में 37 और गैर-जीवन बीमा प्रीमियम राजस्व में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। लेकिन तमाम औद्योगिक क्षेत्र में उत्पादन अभी भी फरवरी, 2020 के मुकाबले काफी पीछे है जो बताता है कि बड़े स्तर पर रोजगार देने वाले क्षेत्रों में मांग सामान्य नहीं हुई है।
आरबीआइ के इन आंकड़ों में कृषि व ग्रामीण मांग के तहत सात सेक्टरों को रखा गया है। इसके मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में इस वर्ष अगस्त में ट्रैक्टर की बिक्री फरवरी के मुकाबले 37 प्रतिशत ज्यादा रही है। दोपहिया वाहनों की बिक्री चार प्रतिशत और कृषि कार्यो के लिए कर्ज वितरण एक प्रतिशत ज्यादा रहा है।
इस वर्ष फरवरी के मुकाबले अगस्त में मनरेगा के तहत रोजगार की मांग नौ प्रतिशत ज्यादा रही है। इस अवधि में तिपहिया वाहनों की बिक्री फरवरी के मुकाबले अगस्त में सिर्फ 30 प्रतिशत और फíटलाइजर्स की बिक्री 96 प्रतिशत पर रही है। इसी तरह से अगर औद्योगिक उत्पादन में गैर-टिकाऊ उपभोक्ता सामान उत्पादन को छोड़ दें तो अन्य सभी चारों सेक्टरों (मैन्यूफैक्चरिंग, कैपिटल गुड्स, टिकाऊ उपभोक्ता सामान व कंस्ट्रक्शन उद्योग) में उत्पादन की स्थिति फरवरी से काफी दूर है। स्टील उत्पादन फरवरी के मुकाबले 90 और सीमेंट उत्पादन 76 प्रतिशत के स्तर पर ही है।