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चौतरफा प्रयासों से ही पटरी पर आएगी इकोनॉमी, आशंका से कम रहा है दूसरी लहर में नुकसान: RBI

आरबीआइ गवर्नर ने स्पष्ट कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद इकोनॉमी को पटरी पर लाने के लिए समग्र मौद्रिक उपाय किए जाने की जरूरत है। यह भी व्यवस्था होनी चाहिए कि महंगाई की स्थिति भी आने वाले दिनों में दो से छह फीसद के दायरे में हो।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 09:17 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 06:55 AM (IST)
चौतरफा प्रयासों से ही पटरी पर आएगी इकोनॉमी, आशंका से कम रहा है दूसरी लहर में नुकसान: RBI
भारतीय रिज़र्व बैंक P C : Reuters

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्रीय बैंक को यकीन है कि कोरोना की दूसरी लहर से इकोनॉमी को उतना नुकसान नहीं हुआ है, जितने की आशंका थी। लेकिन बैंक यह भी मान रहा है कि इकोनॉमी को सही रास्ते पर लाना अकेले उसके बूते की बात नहीं होगी। यही वजह है कि आरबीआइ गवर्नर डॉ. शक्तिकांत दास ने कोरोना की दूसरी लहर के बाद इकोनॉमी को सही दिशा में लाने के लिए सरकार के स्तर पर भी बड़े कदम उठाने की जरूरत पर बल दिया है।

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मौद्रिक नीति समिति (MPC) की हालिया बैठक की अध्यक्षता करते हुए दास ने कहा है कि इकोनॉमी को गति देने के लिए राजकोषीय, मौद्रिक और क्षेत्रीय हर स्तर पर कदम उठाने होंगे। गवर्नर समेत एमपीसी के सभी छह सदस्यों ने फिलहाल ब्याज दरों को स्थिर रखने का समर्थन किया है। लेकिन समिति ने यह आश्वासन भी दिया है कि आगे हालात को देखते हुए ब्याज दर निचले स्तर पर रखने की कोशिश जारी रहेगी।

आरबीआइ गवर्नर ने स्पष्ट कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद इकोनॉमी को पटरी पर लाने के लिए समग्र मौद्रिक उपाय किए जाने की जरूरत है। साथ ही यह भी व्यवस्था होनी चाहिए कि महंगाई की स्थिति भी आने वाले दिनों में लक्ष्य (दो से छह फीसद) के दायरे में हो। कृषि क्षेत्र की स्थिति को उन्होंने बेहद संतोषजनक बताया है और कहा है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भी अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में इसका योगदान काफी अहम होगा।

एमपीसी के सभी पांच सदस्यों ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद इकोनॉमी की रफ्तार को लेकर अनिश्चतता है। लेकिन यह भी संकेत है कि हालात पिछले वर्ष की तरह खराब नहीं हैं। सभी ने महंगाई के मोर्चे को लेकर उपजे संकेतों और ग्रामीण व अर्ध-शहरी क्षेत्रों में मांग घटने को लेकर चिंता जताई है। सबका यह भी मानना है कि टीकाकरण की रफ्तार से ही आगे की स्थिति स्पष्ट होगी। केंद्रीय बैंक ने यही बात एक दिन पहले इकोनॉमी के हालात पर जारी एक अन्य रिपोर्ट में की है।


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