Move to Jagran APP

वित्त वर्ष 2021-22 में 11 फीसद पर रह सकती है भारत की विकास दर, रेटिंग एजेंसी S&P Global का अनुमान

GDP Growth एसएंडपी की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल से शुरू हुए वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर 11 फीसद अनुमानित है। उसके बाद अगले दो वर्षों के दौरान वृद्धि दर 6.1 और 6.4 फीसद रहने वाली है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 09:37 AM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 03:36 PM (IST)
वित्त वर्ष 2021-22 में 11 फीसद पर रह सकती है भारत की विकास दर, रेटिंग एजेंसी S&P Global का अनुमान
एसएंडपी ने इस वक्त भारत को स्थिर परिदृश्य के साथ 'बीबीबी माइनस' की रेटिंग दी हुई है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। अग्रणी रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने चालू वित्त वर्ष (2021-22) में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 11 फीसद रहने का अनुमान लगाया है। एजेंसी ने देश कई हिस्सों में लगाए गए लॉकडाउन के व्यापक रूप ले लेने से इकोनॉमी पर उल्लेखनीय असर को लेकर आशंका भी जताई है। एशिया-प्रशांत के वित्तीय संस्थानों पर रिपोर्ट में एसएंडपी ने कहा कि कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण इकोनॉमी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इकोनॉमी के विकास के रास्ते में यह महामारी बड़ी बाधा है। पिछले कुछ सप्ताहों में महामारी के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है और देश इस समय कोविड की दूसरी लहर से जूझ रहा है। 

loksabha election banner

एसएंडपी की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल से शुरू हुए वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर 11 फीसद अनुमानित है। उसके बाद अगले दो वर्षों के दौरान वृद्धि दर 6.1 और 6.4 फीसद रहने वाली है। रिपोर्ट का कहना है कि कई शहरों में स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लागू हो गए हैं और कई अन्य शहरों में ऐसी संभावना बनती दिख रही है। लॉकडाउन की अवधि और दायरे के हिसाब से इनका अर्थव्यवस्था पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ेगा।

एसएंडपी ने इस वक्त भारत को स्थिर परिदृश्य के साथ 'बीबीबी माइनस' की रेटिंग दी हुई है। एजेंसी का अनुमान है कि अर्थव्यवस्था को तेजी से दोबारा खोलने तथा वित्तीय प्रोत्साहनों की वजह से चालू वित्त वर्ष में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 11 फीसद रहेगी।

आधिकारिक अनुमानों के अनुसार बीते 31 मार्च को खत्म वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में आठ फीसद की गिरावट आई। उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह एक अन्य ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने कहा था कि कोविड की दूसरी लहर के चलते भारत के विकास दर अनुमान में जोखिम है।

मूडीज ने यह भी कहा था कि पिछले साल गतिविधियां काफी सीमित रहने की वजह से चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 10 फीसद से अधिक की वृद्धि दर्ज करेगी। अपनी नवीनतम रिपोर्ट में एसएंडपी ने कहा है कि पिछले कुछ समय के दौरान एशिया-प्रशांत क्षेत्र के बैंकों की कर्ज स्थिति में सुधार हुआ है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.