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भारतीय अर्थव्यवस्था वी- शेप की ओर बढ़ रहा, तेजी से हो रहा सुधार: एसोचैम

हाल ही में सामने आए आंकड़ों में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 2020- 21 में 7.7 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। कोरोना महामारी से विनिर्माण और सेवा क्षेत्र को बहुत नुकसान पहुंचा है। सूद ने बताया कि भारत में दो टीकों की मंजूरी मिल गई है

By NiteshEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 08:39 AM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 08:39 AM (IST)
भारतीय अर्थव्यवस्था वी- शेप की ओर बढ़ रहा, तेजी से हो रहा सुधार: एसोचैम
Indian economy heading towards V Shaped recovery in 2021 Assocham

नई दिल्ली, पीटीआइ। वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम ने रविवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 2021 में तेजी से सुधार देखा जा रहा है, यह वी- शेप की ओर तेजी से बढ़ रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह उपभोक्ताओं का विश्वास लौट रहा है, साथ ही फाइनेंस मार्केट और विनिर्माण और एवं निर्यात में मेहनत है, जिसके फलस्वरूप अर्थव्यवस्था में यह तेजी नजर आ रही है। 

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उद्योग मंडल ने यह संभावना जताई है कि जब देश में कोरोना के टिके लगने शुरू होंगे तो अर्थव्यवस्था में और तेजी आएगी। मालूम हो कि टीकाकरण के तारीखों का एलान हो गया है और देश में जल्द ही यह शुरू होगा। एसोचैम के महासिचव दीपक सूद के मुताबिक, 'उच्च- आवृति आंकड़े यह संकेत दे रहे हैं कि 2021 में वी- आकार के तहत तेजी से सुधार होगा। बीते वर्ष 2020 के आखिरी दो महीनों में इसके स्पष्ट संकेत नजर आए हैं।' 

हाल ही में सामने आए आंकड़ों में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 2020- 21 में 7.7 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। कोरोना महामारी से विनिर्माण और सेवा क्षेत्र को बहुत नुकसान पहुंचा है। सूद ने बताया कि भारत में दो टीकों की मंजूरी मिल गई है और कोरोना की रोकथाम के लिए यह जल्द शुरू भी हो जाएगा। टीकाकरण से अर्थव्यवस्था में शामिल आतिथ्यि क्षेत्र, परिवहन, मनोरंजन जैसे क्षेत्रों में इसका असर दिखेगा और इन क्षेत्रों में एक बार फिर तेजी आने की उम्मीद है। कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा नुकसान इस क्षेत्र को हुआ है। 

एसोचैम ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों में तेज सुधार की वजह माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के तहत दिसंबर महीने में अब तक का रिकार्ड 1.15 लाख करोड़ रुपये का कर संग्रह है। सूद के मुताबिक, 'राज्य के आंकड़ों को देखा जाये तो उपभोक्ता विश्वास एक बार फिर लौटा है। ऐसा इसलिए भी कह सकते हैं कि कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र राज्य रहा है और वहां जीएसटी संग्रह में सात प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है, वहीं साल दर साल कुल आधार पर कुल जीएसटी संग्रह में 12 प्रतिशत वृद्धि देखने को मिली है।' 

उन्होंने कहा कि 2021- 22 के बजट से चीजों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। आने वाले बजट में स्वास्थ्य देखभाल, कृषि क्षेत्र और मांग को फिर से बढ़ाने पर ध्यान देना जरूरी होगा।


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