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सरकारी खरीद में जैसे को तैसा नियम लागू, भारतीय कंपनियों को मिलेगी प्राथमिकता, चीन को झटका

नए संशोधित नियम के तहत सालाना 1000 करोड़ से अधिक की खरीदारी करने वाले विभाग और मंत्रालयों को आगे की पांच साल की खरीदारी का अनुमान अपनी वेबसाइट पर जारी करना होगा। PC Pexels

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 10:38 AM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 03:33 PM (IST)
सरकारी खरीद में जैसे को तैसा नियम लागू, भारतीय कंपनियों को मिलेगी प्राथमिकता, चीन को झटका
सरकारी खरीद में जैसे को तैसा नियम लागू, भारतीय कंपनियों को मिलेगी प्राथमिकता, चीन को झटका

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आत्मनिर्भर भारत के तहत सरकारी खरीद में भारतीय कंपनियों को प्राथमिकता देने के लिए सरकार ने खरीद नियम में संशोधन किया है। इसके तहत अब सरकारी खरीद के टेंडर में उन्हीं विदेशी कंपनियों को हिस्सा लेने का मौका मिलेगा जिन देशों की सरकारी खरीदारी में भारतीय कंपनियों को सप्लाई देने का मौका मिलता है।

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इस नियम के लागू होने से चीन जैसे देश जो अपने यहां सरकारी विभाग की खरीदारी में शामिल होने के लिए भारतीय कंपनियों को इजाजत नहीं देते हैं, भारत की सरकारी खरीद टेंडर में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।

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यह नियम सभी सरकारी विभाग और मंत्रालयों के लिए लागू माना जाएगा। डीपीआईआईटी की तरफ से जारी सूचना के मुताबिक भारतीय कंपनियों को सरकारी खरीद में हिस्सा लेने से रोकने वाले देश की कंपनियां सिर्फ उन्हीं आइटम की सरकारी खरीद में हिस्सा ले सकेंगी जिनकी सूची सरकार प्रकाशित करेगी।

नए संशोधित नियम के तहत सालाना 1000 करोड़ से अधिक की खरीदारी करने वाले विभाग और मंत्रालयों को आगे की पांच साल की खरीदारी का अनुमान अपनी वेबसाइट पर जारी करना होगा।

नए नियम के तहत सरकारी कंपनियों को स्थानीय आपूर्ति की सीमा को भी बढ़ाना होगा। नए नियम के मुताबिक सरकारी खरीद में अगर कोई विदेशी कंपनी भारतीय कंपनी के साथ साझेदारी करके हिस्सा लेना चाहती है तो उसके बारे में सरकार अधिसूचना जारी करेगी।

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