Move to Jagran APP

भारत अमेरिका से तेल और गैस का आयात बढ़ाने के साथ कोयला भी खरीदेगा

अमेरिका से ऊर्जा आयात करने वाला भारत चौथा सबसे बड़ा देश है। चार वर्ष पहले जहां भारत अमेरिका से 7 अरब डालर का ऊर्जा आयात करता था।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 08:42 AM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 08:45 AM (IST)
भारत अमेरिका से तेल और गैस का आयात बढ़ाने के साथ कोयला भी खरीदेगा
भारत अमेरिका से तेल और गैस का आयात बढ़ाने के साथ कोयला भी खरीदेगा

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। ऊर्जा क्षेत्र भारत अमेरिका द्विपक्षीय सहयोग को नई ऊंचाइ देगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई वार्ता में दोनो देशों ने ऊर्जा में पारस्परिक निवेश को कई गुना बढ़ाने पर सहमति जताई। भारत अमेरिका से तेल व गैस का आयात बढ़ाने के अलावा कोयले की खरीद शुरू करेगा। अमेरिकी कंपनी एक्सॉन मोबिल भारत के गैस पाइपलाइन से अछूते क्षेत्रों में गैस पहुंचाने में इंडियन ऑयल की मदद करेगी। जबकि भारतीय कंपनियां अमेरिका के ऊर्जा क्षेत्र में निवेश को और बढ़ाएंगी।

loksabha election banner

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने ट्वीट कर कहा कि उनकी अमेरिका के ऊर्जा मंत्री डैन ब्रूलेट के साथ अच्छी बैठक हुई। ' हमने दोनो देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में चल रही रणनैतिक भागीदारी की समीक्षा की तथा इसे अगले स्तर पर ले जाने पर सहमत हुए।' पिछले वर्ष अपने एक भाषण में प्रधान ने कहा था कि अमेरिका से होने वाला ऊर्जा आयात इस वर्ष बढ़कर 10 अरब डालर तक पहुंच सकता है।

दूसरी ओर ब्रूलेट ने भी ट्वीट कर बताया कि 'बैठक बहुत उत्पादक रही। मुझे उम्मीद है कि अब तक हमने जो प्रगति की है उसे और आगे बढ़ाने में सफल होंगे।' ऊर्जा क्षेत्र में मंगलवार को दोनो देशों के बीच कई समझौते हुए। इनमें सबसे प्रमुख समझौता एक्सान मोबिल और इंडियन ऑयल के बीच हुआ है। इसके तहत गैस ग्रिड से अछूते रह गए क्षेत्रों में गैस पहुंचाने के लिए भारत में वर्चुअल गैस पाइपलाइन नेटवर्क बिछाया जाएगा।

वर्चुअल पाइपलाइन का मतलब है कि जहां वास्तविक पाइपलाइन नहीं है वहां सड़क, रेल तथा जलमार्गों के माध्यम से गैस की अनवरत आपूर्ति की जाएगी।पाइपलाइन से अछूते क्षेत्रों में दोनो कंपनियां मिलकर प्राकृतिक गैस का इंफ्रास्ट्रक्चर एवं बाजार विकसित करेंगी तथा स्वच्छ ईधन एवं गैस आधारित विकास एवं अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए काम करेंगी।

अमेरिका से ऊर्जा आयात करने वाला भारत चौथा सबसे बड़ा देश है। चार वर्ष पहले जहां भारत अमेरिका से 7 अरब डालर का ऊर्जा आयात करता था। वहीं अब ये बढ़कर 9 अरब डालर पर पहुंच गया है। अभी तक भारत अमेरिका से मुख्यतया कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का आयात करता था। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयात है।

अमेरिका द्वारा परिवहन लागत में सब्सिडी दिए जाने के कारण मात्र चार सालों में भारत ने अमेरिकी कच्चे तेल की दैनिक खरीद को दस गुना बढ़ाकर ढाई लाख बैरल कर दिया है। नवीनतम समझौते के बाद अब कोयले की खरीद भी शीघ्र शुरू हो जाएगी।

विशेषज्ञ भी मानते हैं कि अमेरिका ने भारत को ऊर्जा क्षेत्र के विविधीकरण में मदद की है। और आगे चल कर ऊर्जा क्षेत्र दोनो देशों के बीच सहयोग का सबसे आकर्षक क्षेत्र बनेगा और रक्षा सहयोग को पार कर जाएगा। परंतु उनका ये भी कहना है कि अमेरिका ज्यादा समय तक परिवहन सब्सिडी नहीं देगा बल्कि भारत से आयात बढ़ाकर लागत कम करने को कहेगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.