चालू वित्त वर्ष में 7.2 फीसद की GDP ग्रोथ से बढ़ सकता है भारत, तेल की कीमतों ने बढ़ाईं चुनौतियां: डेलॉयट
साल 2017 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.6 फीसद की रही थी। इसकी वजह साल 2016 में लागू की गई नोटबंदी और जुलाई 2017 में जीएसटी का कार्यान्वयन रहा
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 7.2 फीसद की दर से बढ़ सकती है। बढ़ती तेल की कीमतों और उच्च सरकारी ऋण की चुनौतियों के बीच इसे विनिर्माण गतिविधियों का समर्थन मिलेगा। यह जानकारी डेलॉयट के एक सर्वे के जरिए सामने आई है।
डेलॉयट की इंडिया इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट 2018 में कहा गया रबी फसल और सामान्य मॉनसून पर सकारात्मक संभावनाओं के कारण चालू वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र की अनुमानित ग्रोथ 2.1 फीसद से अधिक होने की उम्मीद है, जो कि राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। इसमें कहा गया, “भारत की विकास संभावनाएं आशाजनक रही हैं और वित्त वर्ष 2018-19 में अर्थव्यवस्था 7.2 फीसद की रफ्तार से बढ़ेगी। औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) में क्रमिक सुधार (रिकवरी) अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर स्थिति है। घरेलू मांग की संभावित मजबूती और वैश्विक व्यापार गतिविधि में एक और सुधार को दर्शाती है।”
साल 2017 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.6 फीसद की रही थी। इसकी वजह साल 2016 में लागू की गई नोटबंदी और जुलाई 2017 में जीएसटी का कार्यान्वयन रहा, जिसकी वजह से कई तरह की मुश्किलें पेश आई थीं। इस वित्त वर्ष के लिए डेलोइट का विकास पूर्वानुमान रिजर्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की तुलना में थोड़ा रूढ़िवादी है। इन दोनों ने ही 7.4 फीसद के जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया है जबकि एशियन डेवलपमेंट बैंक और फिच ने भारत की जीडीपी ग्रोथ के 7.3 फीसद रहने का अनुमान लगाया है। गौरतलब है कि बीती तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.2 फीसद रही थी।