United Nations ने की भारत के लिए फक्र की बात, जानिए कहां होगा नाम रौशन
Fastest growing major economy महंगाई की मार के सवाल पर UN ने कहा कि भारत पर इसका असर कम होगा। क्योंकि उसने मौद्रिक स्तर पर अच्छे उपाय करने शुरू कर दिए हैं। इससे ग्रोथ रिकवरी में मदद मिलेगी।
नई दिल्ली, आइएएनएस। कारोबारी साल 2023 में भारत की इकोनॉमी 6.4 फीसद की दर से बढ़ेगी। यह अनुमान सामने आने के बाद भारत के लिए संयुक्त राष्ट्र (United nations, UN) ने बड़े फक्र की बात कही है। UN का कहना है कि भारत दुनिया में तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी होगा। संयुक्त राष्ट्र के ग्लोबल इकोनॉमिक मॉनिटरिंग रिसर्च के मुख्य हामिश रशीद ने कहा कि अगले साल और उसके बाद भी भारतीय इकोनॉमी की ग्रोथ की रफ्तार कायम रहेगी।
उन्होंने यह अनुमान World Economic Situation and Prospects (WESP) की रिपोर्ट जारी करते हुए जताया है। उनके मुताबिक वैश्विक विकास दर 3.1 फीसद बने रहने का अनुमान है। भारत का GDP, जो इकोनॉमी की सेहत को दर्शाता है, अगले वित्त वर्ष में 6 फीसद तक जा सकता है। WESP के मुताबिक बीते वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.8 फीसद की दर से बढ़ी। हालांकि अनुमान 9 फीसद का आया था। रिपोर्ट के मुताबिक महंगाई की मार और लेबर मार्केट में स्लो रिकवरी के कारण 2022-23 में ग्रोथ का अनुमान नीचे रखा गया है। लेबर ग्रोथ रिकवरी धीमी होने के कारण निवेश पर भी असर पड़ेगा। यूक्रेन और रूस के बीच लड़ाई के कारण मौजूदा वित्त वर्ष में ग्रोथ का अनुमान जनवरी के आंकड़े से 0.3 फीसद घटाया गया है।
इकोनॉमिक पॉलिसी एंड एनालिसिस के निदेशक शांतनु मुखर्जी ने कहा कि Covid Mahamari के बाद रूस और यूक्रेन की लड़ाई ने वैश्विक आर्थिक विकास दर की रफ्तार घटा दी है। जनवरी में परिस्थिति कुछ बेहतर लग रही थी लेकिन लड़ाई शुरू होने के बाद हालात खराब होते जा रहे हैं। उस समय वैश्विक विकास दर 4 फीसद रहने का अनुमान था। अभी जो हालात उपजे हैं, उससे अमेरिका, यूरोपीय यूनियन, चीन और दूसरे विकासशील देश प्रभावित होंगे। चीन दुनिया की दूसरी सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था है। उसकी ग्रोथ का अनुमान इस साल 4.5 फीसद रहेगा और अगले वित्त वर्ष में 5.2 फीसद। अमेरिका को लेकर अनुमान है कि यह 2.6 फीसद की रफ्तार से बढ़ेगा। अगले साल यह गिरकर 1.8 फीसद पर आ जाएगा।