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India US Trade Deal: भारतीय आम, अंगूर और अनार के लिए खुलेगा अमेरिकी दरवाजा, वहां से आएगा अल्फा-अल्फा हे व चेरी

India US Trade Deal सीमित व्यापार पर बनने वाली सहमति पर दोनों देश जल्द ही अपनी-अपनी वैधानिक जांच पड़ताल के बाद अंतिम मुहर लगा देंगे।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 11:03 AM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 04:09 PM (IST)
India US Trade Deal: भारतीय आम, अंगूर और अनार के लिए खुलेगा अमेरिकी दरवाजा, वहां से आएगा अल्फा-अल्फा हे व चेरी
India US Trade Deal: भारतीय आम, अंगूर और अनार के लिए खुलेगा अमेरिकी दरवाजा, वहां से आएगा अल्फा-अल्फा हे व चेरी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। व्यापारिक रिश्तों को और मजबूत करने के लिए भारत-अमेरिका जल्द ही कुछ सीमित वस्तुओं के व्यापार को लेकर अंतिम करार करने जा रहे हैं। हैदराबाद हाउस में दोनों देशों के प्रमुखों के बीच बातचीत के बाद वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि इन सीमित व्यापार के मामले में दोनों देशों के बीच पहले ही विचार-विमर्श हो चुका है और इस पर लगभग अंतिम सहमति बन चुकी है।

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सीमित व्यापार पर बनने वाली सहमति पर दोनों देश जल्द ही अपनी-अपनी वैधानिक जांच पड़ताल के बाद अंतिम मुहर लगा देंगे। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक भारत अमेरिका के अल्फा-अल्फा हे, चेरी, पोर्क और चिकन उत्पाद के आयात के लिए अपने दरवाजे खोलने पर राजी हो गया है। वहीं, भारत के आम, अंगूर और अनार के लिए अमेरिका अपना बाजार खोलेगा।

सूत्रों के मुताबिक, दोनों देशों के बीच इन वस्तुओं के व्यापार पर बनी सहमति को अंतिम रूप देने से पहले कुछ औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। हालांकि, डेयरी उत्पाद को लेकर भारत ने अपने बाजार खोलने पर सहमति नहीं दी है। अमेरिका अपने डेयरी उत्पादों के बेचने की इजाजत देने के लिए भारत पर लगातार दबाव बनाता रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका के चिकेन उत्पादों के लिए भारतीय बाजार को खोलना अमेरिका के लिए बड़ी जीत मानी जा रही है। आम और अनार के निर्यात के लिए भारतीय उत्पादकों को पहले अमेरिकी अधिकारियों को भारत में बुलाकर उत्पादन प्रक्रिया की जांच करानी पड़ती है। अमेरिकी अधिकारियों को बुलाने का खर्च भारतीय उत्पादकों को उठाना पड़ता है।

इससे निर्यात की लागत बढ़ जाती है और अमेरिकी बाजार में भारतीय आम और अनार लैटिन अमेरिकी देश के इन उत्पादों का मुकाबला नहीं कर पाते हैं। लेकिन दोनों देशों के बीच बनी सहमति के बाद आम और अनार के निर्यातकों को इस प्रकार की प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा। इस प्रकार की जांच प्रक्रिया की शर्त लागू होने से पहले भारत सालाना 30 लाख डॉलर का आम निर्यात अमेरिका को करता था।

अमेरिका भारतीय अंगूर के लिए भी अपने दरवाजे खोलने पर सहमत हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका हार्ले डेविडसन पर लगने वाले आयात शुल्क को बिल्कुल ही समाप्त कराना चाहता है, लेकिन भारत ने अभी अंतिम मंजूरी नहीं दी है।

भारत-अमेरिका आपसी एफटीए की ओर

सीमित वस्तुओं के व्यापार को अंतिम रूप देने के साथ भारत और अमेरिका के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) वार्ता शुरू करने पर भी सहमति बन गई है। मंगलवार को हैदराबाद हाउस में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दोनों देश बड़ी ट्रेड डील करने पर भी सहमत हुए हैं। मोदी ने कहा कि हमें आशा है कि आपसी हित में इसके अच्छे परिणाम निकलेंगे।

वाणिज्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, दोनों देशों के बीच एफटीए पर वार्ता शुरू करने से पहले अमेरिकी सरकार अपने कांग्रेस में नोटिस देगी और उसके 90 दिनों के बाद ही एफटीए पर बातचीत शुरू हो सकती है। इससे पहले एफटीए पर बातचीत के लिए एक ज्वाइंट स्टडी ग्रुप का गठन होगा जो व्यापारिक बातचीत के लिए मार्ग को प्रशस्त करेगा। इस ग्रुप मे दोनों देश के प्रतिनिधि हो सकते हैं।


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