ईरान से तेल खरीद का भारत रुपये में करेगा भुगतान
ईरान को लेकर अमेरिका के रुख को देखते हुए भारत ने तय किया है कि दोनो पक्षों को खुश रखा जाए।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। ईरान को लेकर अमेरिका के रुख को देखते हुए भारत ने तय किया है कि दोनो पक्षों को खुश रखा जाए। इस रणनीति के तहत ईरान से तेल आयात को कम किया जाएगा, लेकिन पूरी तरह से बंद नहीं किया जाएगा। साथ ही ईरान से जो तेल आयात किया जाएगा उसका भुगतान भारतीय रुपये में किया जाएगा। यह व्यवस्था कुछ वैसी ही होगी जब वर्ष 2010-11 में ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध के वक्त आजमायी गयी थी।
ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध की वजह से भारतीय तेल कंपनियों के लिए वहां से तेल खरीदना 4 नवंबर, 2018 से मुश्किल हो जाएगा। क्योंकि अमेरिकी प्रतिबंध की वजह से कोई भी अंतरराष्ट्रीय बैंक उसका भारतीय व ईरानी कंपनियों के बीच लेन-देन को तैयार नहीं होंगे। अभी भारत अपनी जरुरत का तकरीबन 12-13 फीसद ईरान से कच्चा तेल खरीदता है। ऐसे में भारत इतनी बड़ी मात्रा में तेल आनन फानन में किसी दूसरे देश से भी नहीं खरीद सकता।
गुरुवार को सरकार के भीतर इस बारे में उच्च स्तर पर विमर्श किया गया और ईरान से आयातित तेल का भुगतान रुपये में फिलहाल करने का फैसला किया गया। इसके साथ ही भारत यूरोपीय संघ के साथ भी विचार विमर्श कर रहा है ताकि ईरान को भुगतान के लिए यूरोपीय देशों के माध्यम से कोई रास्ता निकल सके।
विदेश मंत्रालय के उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि पहले यूरोपीय संघ की तरफ से दावा किया गया था कि वह समय रहते ईरान के तेल का भुगतान करने का कोई विकल्प निकाल लेंगे, लेकिन अभी तक उनकी तरफ से कोई ऐसी व्यवस्था नही हो पाई है। अभी एक महीने का समय है इसलिए हम कुछ और इंतजार कर सकते हैं, लेकिन भारत की दिक्कत यह है कि वह कुल तेल खपत का 80 फीसद आयात करता है जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
फिलहाल ईरान को यह प्रस्ताव किया जाएगा कि वह भारतीय रुपये में भुगतान स्वीकार करे। इससे दोनो देशों को फायदा होगा। ईरान को फायदा यह होगा कि उसके तेल का एक बड़ा खरीददार बना रहेगा। जबकि भारत को दोहरा फायदा होगा। क्योंकि भारत से प्राप्त रुपये से ईरान को भारतीय उत्पाद ही खरीदने होंगे। पिछली बार भी ऐसी व्यवस्था हुई थी। ईरान से आयातित तेल का एक-एक पैसा प्रतिबंध हटने के बाद भारत ने चुका दिया था।