Move to Jagran APP

18 महीनों के निचले स्तर पर पहुंची खुदरा महंगाई, ब्याज दरों में कटौती कर सकता है RBI!

महंगाई के मोर्चे पर जबरदस्त राहत मिली है। सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर महीने में खुदरा महंगाई दर (सीपीआई) कम होकर 2.19 फीसद हो गया।

By Abhishek ParasharEdited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 06:04 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 08:37 AM (IST)
18 महीनों के निचले स्तर पर पहुंची खुदरा महंगाई, ब्याज दरों में कटौती कर सकता है RBI!
18 महीनों के निचले स्तर पर पहुंची खुदरा महंगाई, ब्याज दरों में कटौती कर सकता है RBI!

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। खाने-पीने के सामान की कीमतों में आई गिरावट और ईंधन के दाम में हुई मामूली बढ़ोतरी की वजह से दिसंबर महीने खुदरा महंगाई में जबरदस्त गिरावट आई। सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 2018 में खुदरा महंगाई दर (सीपीआई) कम होकर 2.19 फीसद हो गई, जो 18 महीनों का न्यूनतम स्तर है। पिछले एक महीनों के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में करीब 30 फीसद से अधिक की गिरावट आई है।

loksabha election banner

रॉयटर्स के पोल्स में विश्लेषकों ने दिसंबर महीने के लिए 2.20 फीसद महंगाई दर का अनुमान लगाया था। नवंबर में खुदरा महंगाई 2.33 फीसद रही है।

दिसंबर में थोक महंगाई भी कम होकर 8 महीनों के निचले स्तर पर जा चुकी है।

थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दिसंबर में 3.80 फीसद रही। नवंबर में थोक महंगाई 4.64 फीसद थी, जबकि दिसंबर 2017 में यह 3.58 फीसद रही थी।

महंगाई में लगातार आई कमी के बाद अगले महीने होने वाली मौद्रिक समीक्षा बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ब्याज दरों में कटौती को लेकर विचार कर सकता है। देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में आई सुस्ती की वजह से आर्थिक गतिविधियों को गहरा धक्का लगा है।

गौरतलब है कि कोर सेक्टर में आई सु्स्ती से नवंबर महीने में देश के औद्योगिक विकास की दर को झटका लगा है। मैन्युफैक्यरिंग सेक्टर विशेषकर कंज्यूमर और कैपिटल गुड्स सेक्टर के ग्रोथ में आई सुस्ती की वजह से औद्योगिक उत्पादन में जबरदस्त गिरावट आई है।

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक नवंबर महीने में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) कम होकर 0.5 फीसद हो गया, जो 17 महीनों का निचला स्तर है। पिछले साल के दौरान इसी महीने नें आईआईपी 8.5 फीसद रहा था।

औद्योगिक गतिविधियों में आई सुस्ती के बाद एसबीआई कैपिटल की रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष के लिए आरबीआई के जीडीपी अनुमान को कम करने की सलाह दी गई है। एसबीआई कैप सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई को चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी अनुमान को घटाकर 7 फीसद करना चाहिए। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए 7.4 फीसद जीडीपी का अनुमान लगा रखा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, 'हम उम्मीद करते हैं कि मौद्रिक समिति में शामिल सदस्य वास्तविक स्थिति को समझेंगे और घरेलू आर्थिक गतिविधियों में आई सुस्ती की स्थिति को स्वीकार करेंगे।' अर्थशास्त्री अर्जुन नागराजन और अमोल बोर ने लिखा है, 'औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ें सदस्यों को जीडीपी के पूर्वानुमान के आंकड़ों पर फिर से विचार करने के लिए बाध्य करेगा।' कमजोर वृद्धि दर और आरबीआई के लक्ष्य से महंगाई दर के दो फीसद नीचे रहने के बाद इस साल ब्याज दरों में कटौती की मांग उठ सकती है।

यह भी पढ़ें: चालू वित्त वर्ष के लिए GDP अनुमान में कटौती करने पर विचार करे RBI: SBI कैप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.