इस साल शून्य रह सकती है GDP वृद्धि दर, लोन का दबाव और बढ़ेगा: मूडीज
एजेंसी ने बताया कि नेगेटिव आउटलुक बढ़ते जोखिम को दर्शा रहा है जिससे आर्थिक विकास अतीत की तुलना में काफी कम रहेगा।
नई दिल्ली, पीटीआइ। Credit Rating Agency Moodys Investors सर्विस ने शुक्रवार को कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की आर्थिक वृद्धि शून्य रह सकती है। मूडीज ने कहा कि भारत की रेटिंग पर नेगेटिव आउटलुक से जोखिम बढ़ रहे हैं और आर्थिक, संस्थागत मुद्दों के लिहाज से जीडीपी की वृद्धि पहले की तुलना में काफी कम रहेगी। नवंबर 2019 में मूडीज ने आर्थिक विकास की चिंताओं के बीच भारत के आउटलुक को स्थिर से नेगेटिव में बदल दिया था। हालांकि, एजेंसी ने देश की 'Baa2' रेटिंग की पुष्टि की थी।
एजेंसी ने शुक्रवार को जारी नवंबर के पूर्वानुमान में अपने अपडेट में कहा कि भारत की क्रेडिट प्रोफाइल को देश की बड़ी और विविध अर्थव्यवस्था और स्थिर घरेलू वित्तपोषण का समर्थन प्राप्त है। यह उच्च सरकारी कर्ज, कमजोर सामाजिक और भौतिक बुनियादी ढांचे और कमजोर वित्तीय क्षेत्र के बदले संतुलित है, जो कोरोना वायरस के प्रकोप के आगे दबाव झेल रहा है।
एजेंसी ने बताया कि नेगेटिव आउटलुक बढ़ते जोखिम को दर्शा रहा है, जिससे आर्थिक विकास अतीत की तुलना में काफी कम रहेगा। मूडीज ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते अर्थव्यवस्था की हालत पतली हो रही है, साथ ही आंशिक रूप से लंबे समय से चली आ रही आर्थिक और संस्थागत कमजोरियों ने भी अर्थव्यवस्था को कमजोर किया है।
एजेंसी ने कहा कि पहले से ही मंदी की स्थिति में रही अर्थव्यवस्था को कोरोना वायरस महामारी का झटका और बिगाड़ देगा। उसने कहा कि अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए सरकारी उपायों से भारत की विकास मंदी की गहराई और अवधि को कम करने में मदद मिलेगी।
हालांकि, ग्रामीण घरों में लंबे समय तक वित्तीय तनाव, कमजोर रोजगार सृजन और हाल ही में गैर-बैंक वित्तीय संस्थानों (एनबीएफआई) के बीच क्रेडिट संकट ने इसके कमजोर पड़ने की संभावना को और अधिक बढ़ा दिया है।