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Services PMI: दस वर्षों में अक्टूबर में सबसे मजबूत रहा भारत का सर्विस ग्रोथ, इनपुट लागत में हुई बढ़ोतरी

Services PMI भारत के प्रमुख सेवा उद्योग ने एक दशक से अधिक समय में सबसे तेज गति से ग्रोथ किया है। ज्यादा महंगाई के बावजूद यह सुधार देखा गया है इसके अलावा घरेलू मांग में सुधार की वजह से भी ग्रोथ हासिल करने में मदद मिली है।

By NiteshEdited By: Published: Wed, 03 Nov 2021 11:03 AM (IST)Updated: Wed, 03 Nov 2021 11:25 AM (IST)
Services PMI: दस वर्षों में अक्टूबर में सबसे मजबूत रहा भारत का सर्विस ग्रोथ, इनपुट लागत में हुई बढ़ोतरी
India October services growth strongest in over a decade input costs surge

नई दिल्ली, रायटर। भारत के प्रमुख सेवा उद्योग ने एक दशक से अधिक समय में सबसे तेज गति से ग्रोथ किया है। ज्यादा महंगाई के बावजूद यह सुधार देखा गया है, इसके अलावा घरेलू मांग में सुधार की वजह से भी ग्रोथ हासिल करने में मदद मिली है। एक प्राइवेट सर्वे में यह जानकारी सामने आई है। IHS मार्किट सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स पिछले महीने सितंबर में 55.2 से बढ़कर 58.4 हो गया। सर्वे के मुताबिक, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार देखा गया, लेकिन बढ़ती कीमतों ने भारतीय रिजर्व बैंक को उम्मीद से पहले ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने के लिए प्रेरित किया, जिससे विकास पर ब्रेक लगा।

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IHS Markit के अर्थशास्त्र सहयोगी निदेशक पोल्याना डी लीमा ने कहा, भारत में सेवाओं के प्रोविजन के लिए कीमतों में भारी वृद्धि का मांग पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ा है, क्योंकि कंपनियों ने नए कारोबार में सबसे मजबूत मंथली ग्रोथ का संकेत दिया है। पिछले महीने ईंधन की कीमतों में वृद्धि और वस्तु की लागत में बढ़ोतरी के कारण इनपुट कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई, जिससे कंपनियों ने कुछ अतिरिक्त लागत का बोझ ग्राहकों पर डाल दिया।

रिपोर्ट के मुताबिक, लागू की गई कीमतें जुलाई 2017 के बाद से सबसे तेज गति से बढ़ीं। वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में हाल ही में 85 डॉलर प्रति बैरल की वृद्धि के बाद परिवहन और भंडारण लागत में सबसे ज्यादा वृद्धि के साथ महंगाई उच्च स्तर पर बनी रहेगी। 10 साल में सबसे तेज गति से मांग बढ़ने के बावजूद कारोबारी विश्वास ठप रहा। डी लीमा ने कहा, सर्विस प्रोवाइडर इस बात से चिंतित थे कि लगातार महंगाई के दबाव से आने वाले वर्ष में विकास रुक सकता है। हालांकि, हायरिंग दूसरे महीने भी जारी रही, लेकिन इसमें बहुत तेजी नहीं देखी गई और यह पिछले साल फरवरी के बाद से सबसे अधिक थी।


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