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इलेक्ट्रॉनिक्स एवं टेक्नोलॉजी में चीन पर निर्भरता खत्‍म करने के लिए भारत अब ताइवान के साथ व्यापारिक समझौते की ओर

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं टेक्नोलॉजी में चीन पर निर्भरता को पूरी तरह से खत्म करने के उद्देश्य से भारत ताइवान के साथ व्यापार समझौता कर सकता है। इस दिशा में वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने तैयारी शुरू कर दी है।

By Manish MishraEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 09:47 AM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 09:47 AM (IST)
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं टेक्नोलॉजी में चीन पर निर्भरता खत्‍म करने के लिए भारत अब ताइवान के साथ व्यापारिक समझौते की ओर
India now towards trade agreement with Taiwan to end dependence on China

राजीव कुमार, नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं टेक्नोलॉजी में चीन पर निर्भरता को पूरी तरह से खत्म करने के उद्देश्य से भारत ताइवान के साथ व्यापार समझौता कर सकता है। इस दिशा में वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने तैयारी शुरू कर दी है। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक ताइवान भी भारत के साथ व्यापारिक समझौते में दिलचस्पी दिखा रहा है। चीन से ताइवान के तल्ख संबंध की वजह से ताइवान इन दिनों भारत के करीब आ रहा है। पिछले महीने ताइवान की कंपनियों के साथ वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों ने बैठक भी की थी। 

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अभी भारत के स्मार्टफोन बाजार में चीन की कंपनियों का दबदबा है और 70 फीसद हिस्सेदारी चीन की चार कंपनियों की है। हालांकि, ये कंपनियां भारत में ही मैन्यूफैक्चरिंग कर रही है, लेकिन कई पा‌र्ट्स का आयात चीन से किया जा रहा है। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक ताइवान के साथ व्यापारिक समझौते से स्मार्टफोन फोन बाजार में चीन के दबदबा को खत्म किया जा सकता है। ताइवान सेमीकंडक्टर का मुख्य निर्माता देश है और सरकार काफी समय से सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट को भारत में स्थापित करना चाहती है। दोनों देशों के बीच वर्ष 2018 में द्विपक्षीय निवेश समझौता किया गया था। 

मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक अब इस समझौते को अगले स्तर पर ले जाने की तैयारी चल रही है। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक व्यापारिक समझौते से ताइवान में भारतीय वस्तुओं के निर्यात में भी बढ़ोतरी होगी। अभी ताइवान से भारत का आयात बढ़ रहा है जबकि ताइवान होने वाले भारतीय निर्यात में कमी आ रही है। वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में भारत ने ताइवान से वित्त वर्ष 2018-19 के मुकाबले 10 फीसद अधिक आयात किया जबकि हमारे निर्यात में इस दौरान 5 फीसद की कमी आई। 

ताइवान की कंपनियां जो भारत में आ रही हैं

आईफोन बनाने वाली ताइवान की कंपनी पेगाट्रॉन ने इस साल जुलाई में भारत में निवेश की घोषणा की है। पेगाट्रान के भारत आने से भविष्य में भारतीय फोन निर्माता कंपनियों को भी पेगाट्रान का लाभ मिल सकता है। दुनिया की कई नामी फोन निर्माता कंपनियों के लिए चिप बनाने वाली ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन भी भारत में एक अरब डॉलर निवेश करने की घोषणा कर चुकी है। तमिलनाडु में फॉक्सकॉन प्लांट लगाएगी।

इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं के उत्पादन से जुड़े उपकरण बनाने वाली ताइवान की कंपनी विस्ट्रॉन भी कर्नाटक में 16.5 करोड़ डॉलर के निवेश से यूनिट लगाने की घोषणा कर चुकी है। ताइवान की टायर कंपनी मैक्सिस ने भी इस साल मार्च में भारत में 40 करोड़ निवेश का ऐलान किया था। वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक्स सामान के उपकरण के लिए भारत काफी हद तक चीन पर निर्भर करता है। ताइवान के साथ व्यापारिक समझौते होने से दोनों देशों के बीच संबंध और गहरे होंगे जिसका व्यापारिक लाभ भारत को मिलेगा।


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