वैश्विक कारोबार का प्रमुख भागीदार बनने के लिए जापान से सीखे भारत, उद्योग जगत अपनी भूमिका निभाने को पूरी तरह तैयार: मुंजाल
आत्मनिर्भर भारत अभियान को किसी भी तरीके से खुद को अलग-थलग करने के कदम के रूप में नहीं देखना चाहिए। देश को ग्लोबल वैल्यू चेन का हिस्सा बनने के लिए अपने मानकों कौशल स्तर निरंतरता और ग्राहक सेवा में सुधार पर जोर देने की जरूरत है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। आत्मनिर्भर भारत अभियान को किसी भी तरीके से खुद को अलग-थलग करने के कदम के रूप में नहीं देखना चाहिए। देश को ग्लोबल वैल्यू चेन का हिस्सा बनने के लिए अपने मानकों, कौशल स्तर, निरंतरता और ग्राहक सेवा में सुधार पर जोर देने की जरूरत है। हीरो एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील कांत मुंजाल ने शनिवार को 25वें व्हाटर्न इंडिया इकोनॉमिक फोरम में कहा कि वैश्विक कारोबार का प्रमुख भागीदार बनने के लिए देश को महत्वपूर्ण निर्यातक बनना होगा। उनके मुताबिक देश का उद्योग और कारोबार जगत इस महत्वाकांक्षा को पूरा करने लिए संपूर्ण सहयोग को तैयार है।
मुंजाल ने कहा कि आत्मनिर्भर अभियान के दो पहलुओं को ध्यान में रखने की जरूरत है। पहला यह कि भारत जो भी कर रहा है, उसमें उसे और अच्छा करना है। भारत वैश्विक वैल्यू चेन का हिस्सा बनने को उत्सुक है। भारतीय उद्योग और कंपनियां इसमें भूमिका निभाने को तैयार हैं। दूसरा यह कि भारत को वैश्विक वैल्यू चेन का हिस्सा बनाने के लिए हमें अपने मानकों, कौशल स्तर और ग्राहक सेवा में सुधार करना ही होगा।
जापान का उदाहरण देते हुए मुंजाल ने कहा कि एक समय में उसके उत्पादों की गुणवत्ता वैश्विक मानकों के अनुरूप नहीं थी। लेकिन उसने खुद में बदलाव किया और पिछली सदी के आठवें दशक में दुनिया की बेहतरीन गुणवत्ता वाली उत्पादन मशीन बन गया। उसके बाद ताइवान, दक्षिण कोरिया और चीन के साथ भी यही हुआ। भारत के साथ अच्छी बात यह है कि पिछले कुछ वर्षो के दौरान कई तकनीकी प्लेटफॉर्म के मामले में इसने उल्लेखनीय प्रगति की है।
मुंजाल के मुताबिक देश को यह भी ध्यान रखना होगा कि वह रोबोटिक्स, मशीन लर्निग और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल केवल उपकरणों के रूप में करे और सिर्फ इन्हीं पर निर्भर नहीं हो। इसकी वजह यह है कि देश के करोड़ों नागरिकों की अपनी उत्पादकता है और उनकी भी रोजी-रोटी है।