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चीन से निकल रही जापानी कंपनियों के लिए भारत ने बिछाए रेड कार्पेट, निवेश करने से पहले कंपनियां चाहती हैं कई सुधार

जापानी कंपनियां मुख्य रूप से लॉजिस्टिक टैक्स प्रक्रिया श्रम कानून और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में सुधार चाहती हैं।

By Manish MishraEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 07:55 AM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 07:15 PM (IST)
चीन से निकल रही जापानी कंपनियों के लिए भारत ने बिछाए रेड कार्पेट, निवेश करने से पहले कंपनियां चाहती हैं कई सुधार
चीन से निकल रही जापानी कंपनियों के लिए भारत ने बिछाए रेड कार्पेट, निवेश करने से पहले कंपनियां चाहती हैं कई सुधार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चीन से निकलने वाली जापानी कंपनियों को भारत में लाने के लिए सरकार ने रेड कार्पेट तो बिछा दी है, लेकिन जापान की कंपनियां भारत में निवेश से पहले कई सुधार चाहती है। जापानी कंपनियां मुख्य रूप से लॉजिस्टिक, टैक्स प्रक्रिया, श्रम कानून और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में सुधार चाहती हैं। गुरुवार को वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जापान एवं जापानी कंपनियों को इस बात का भरोसा दिया कि इन सारी कमियों को एक महीने के अंदर दूर कर लिया जाएगा। उन्होंने रेलवे, रोड व शिपिंग, सीबीआईसी के वरिष्ठ अधिकारियों से इन मामलों में जापानी कंपनियों के अनुरूप नियमों को सुगम बनाने के लिए कहा।

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गुरुवार को जापानी कंपनियों को निवेश के लिए आकर्षित करने के उद्देश्य से वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें गोयल समेत विभिन्न मंत्रालयों के सचिव एवं जापान के मंत्री व अधिकारियों ने हिस्सा लिया। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय की तरफ से जापानी कंपनियों को यह भी भरोसा दिया गया कि निवेश के दौरान होने वाली किसी भी प्रकार की दिक्कत को दूर करने के लिए सरकार एक कंपनी के साथ एक अधिकारी नियुक्त करेगी। अभी 50 जापानी कंपनियां भारत में निवेश के लिए आगे आई है। इनमें से 25 ने निवेश करना शुरू कर दिया है।

इस मौके पर जापान एक्सटर्नल ट्रेड आर्गेनाइजेशंस (जेट्रो) की ओर से भारत सरकार को बताया गया कि जापनी कंपनियां भारतीय बाजार के साथ भारत से निर्यात भी करना चाहेंगी। लेकिन इस काम में लॉजिस्टिक की समस्या आड़े आती है। जेट्रो की तरफ से बताया गया कि भारत में जापानी कंपनियों के सिर्फ 5102 व्यावसायिक प्रतिष्ठान काम कर रहे हैं जबकि चीन में जापानी कंपनियों की 33,000 से अधिक व्यावसायिक प्रतिष्ठान काम कर रहे हैं। 

एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस (आसियान) देशों में जापान की 12,955 व्यावसायिक प्रतिष्ठान काम कर रहे हैं। जेट्रो का कहना था कि भारत से निर्यात की सुविधा आसान होने पर यह संख्या बढ़ सकती है। उनका कहना था कि अभी जो जापानी कंपनियां भारत में काम कर रही हैं, वे कई प्रकार की बाधाओं के कारण निर्यात कम कर पा रही है। असम में बनेगा 13वां जापानी इंडस्ट्रियल टाउनशिप डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) के सचिव गुरुप्रसाद महापात्रा ने जापानी निवेश को लेकर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि असम में जापान का 13वां इंडस्ट्रीयल टाउनशिप बनाने की तैयारी चल रही है। इस काम के लिए जमीन की मैपिंग के साथ औद्योगिक उत्पाद की पहचान का काम किया जा रहा है। देश के 9 राज्यों में पहले से 12 जापानी इंडस्ट्रीयल टाउनशिप हैं।

2021 के अप्रैल में लांच होगा सिंगल विंडो सिस्टम का पहला वर्जन

डीपीआईआईटी के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इंवेस्टमेंट क्लीयरेंस सेल के तहत वर्ष 2021 के अप्रैल में सिंगल विंडो सिस्टम का पहला वर्जन शुरू होगा। कारोबार शुरू करने के लिए इस सिंगल विंडो सिस्टम के तहत केंद्र सरकार की तरफ से जरूरी सभी मंजूरी एक बार में मिल जाएगी। वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी कई कार्यक्रम में कह चुके हैं कि सिंगल विंडो सिस्टम वास्तव में सिंगल विंडो होगा।


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