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चीन से मुकाबले की तैयारीः औद्योगिक रूप से पिछड़े 6 राज्यों का होगा कायाकल्प, इन राज्यों को मिल सकता है विशेष पैकेज

डीपीआईआईटी की योजना के मुताबिक औद्योगिक रूप से पिछड़े सभी राज्यों में कम से कम दो-दो औद्योगिक क्लस्टर स्थापित करने में केंद्र सरकार राज्य की मदद करेगी।

By Ankit KumarEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 06:31 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 08:24 AM (IST)
चीन से मुकाबले की तैयारीः औद्योगिक रूप से पिछड़े 6 राज्यों का होगा कायाकल्प, इन राज्यों को मिल सकता है विशेष पैकेज
चीन से मुकाबले की तैयारीः औद्योगिक रूप से पिछड़े 6 राज्यों का होगा कायाकल्प, इन राज्यों को मिल सकता है विशेष पैकेज

नई दिल्ली, राजीव कुमार। मैन्युफैक्चरिंग में विश्व स्तर पर चीन को प्रतिस्पर्धा देने के लिए औद्योगिक रूप से पिछड़े छह राज्यों पर नजर है। सरकार का मानना है कि देश के हर हिस्से में औद्योगिक विकास करके ही चीन को मैन्युफैक्चरिंग में मात दी जा सकती है। इससे देश का भी समग्र विकास होगा। इन राज्यों में उत्तराखंड, झारखंड, बिहार, हिमाचल प्रदेश, गोवा और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं। सरकार की योजना के मुताबिक औद्योगिक रूप से विकसित राज्यों में भी कई ऐसे जिले हैं जो औद्योगिक उत्पादन के स्तर पर पिछड़े हुए हैं। इन जिलों में भी मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित किया जाएगा।

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कैसे होगा पिछड़े राज्यों का औद्योगिक विकास

डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) की तरफ से तैयार योजना के मुताबिक औद्योगिक रूप से पिछड़े राज्यों में नए निवेश के प्रोत्साहन के लिए भारत सरकार सब्सिडी की नई स्कीम ला सकती है। पिछड़े राज्यों में नए इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर से लेकर रेल, रोड और पोर्ट के नेटवर्क के साथ कार्गो एयरपोर्ट विकसित किए जाएंगे। जिन राज्यों में जिस प्रकार के कच्चे माल की प्रचुरता होगी, वहां उस प्रकार के उद्योगों को लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

क्लस्टर बनाने के लिए केंद्र दे सकता है जमीन

डीपीआईआईटी की योजना के मुताबिक औद्योगिक रूप से पिछड़े सभी राज्यों में कम से कम दो-दो औद्योगिक क्लस्टर स्थापित करने में केंद्र सरकार राज्य की मदद करेगी। केंद्र सरकार अपनी या केंद्रीय सार्वजनिक कंपनियों की जमीन इस क्लस्टर को विकसित करने के लिए दे सकती है। इन क्लस्टर में प्लग एंड प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ टेस्टिंग लैब, ट्रीटमेंट प्लांट जैसी सुविधाएं भी होंगी। राज्यों के जो जिले अति पिछड़े होंगे, वहां यूनिट लगाने के लिए जमीन आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी।

पहाड़ी राज्यों के लिए अलग योजना

उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के लिए सरकार अलग से विशेष पैकेज ला सकती है। इसके तहत इन राज्यों में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को ट्रांसपोर्ट व कैपिटल पर सब्सिडी मुहैया करायी जा सकती है। इन राज्यों में काम करने वाली एमएसएमई को टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के लिए कैपिटल सब्सिडी दी जा सकती है।

इन राज्यों के साथ उत्तर पूर्व राज्यों के औद्योगिक विकास के लिए अलग से नीति लायी जाएगी। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक ईस्ट एशिया पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए इन राज्यों में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित की जाएंगी। ईस्ट एशिया के देशों की मांग के मुताबिक इन राज्यों में यूनिट लगाने पर इंसेंटिव दी जा सकती है।


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