चीनी वस्तुओं का दबदबा खत्म करने का काम शुरू, फर्नीचर आइटम के आयात पर लगने वाले शुल्क में हुई बढ़ोत्तरी
फर्नीचर आयात पर लगने वाले शुल्क में 15 फीसद तक की बढ़ोत्तरी की गई है। इनमें लकड़ी के फर्नीचर से लेकर अन्य प्रकार के फर्नीचर शामिल हैं। (PC pixabay.com)
नई दिल्ली, राजीव कुमार। घरेलू बाजार पर चीनी वस्तुओं के दबदबा को खत्म करने का काम शुरू हो गया है। खासकर उन सेक्टरों में जिनमें घरेलू स्तर पर मैन्यूफैक्चरिंग की पूरी संभावना है। इसकी शुरुआत फर्नीचर से की गई है। फर्नीचर आयात पर लगने वाले शुल्क में 15 फीसद तक की बढ़ोत्तरी की गई है। इनमें लकड़ी के फर्नीचर से लेकर अन्य प्रकार के फर्नीचर शामिल हैं। साथ ही फर्नीचर पार्ट्स के आयात पर लगने वाले शुल्क में भी 15 फीसद का इजाफा किया गया है। इससे चीन से होने वाले फर्नीचर आयात में कमी के आसार हैं।
भारत के फर्नीचर आयात में चीन की है बड़ी हिस्सेदारी
भारत का सालाना फर्नीचर आयात 184.50 करोड़ डॉलर का है। इनमें चीन की हिस्सेदारी 105.10 करोड़ डॉलर की है। फर्नीचर का विश्व बाजार 250 अरब डॉलर का है। भारत की हिस्सेदारी वैश्विक फर्नीचर कारोबार में मात्र 1.7 अरब डॉलर की है।यही वजह है कि वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल बार-बार भारत में फर्नीचर के व्यापार को प्रोत्साहित करने की बात दोहरा रहे हैं। उनका कहना है कि अगर भारत में सालाना 3-4 लाख करोड़ का भी फर्नीचर कारोबार होने लगा तो हजारों लोगों के लिए नौकरी भी निकलेगी।
अमेरिका ने चीन के फर्नीचर पर लगाया था 25 फीसद शुल्क
विदेश व्यापार विशेषज्ञों ने बताया कि चीन से ट्रेड वार शुरू होने पर अमेरिका ने चीन के फर्नीचर पर 25 फीसद का शुल्क लगा दिया था जिससे चीन से अमेरिका निर्यात होने वाले फर्नीचर में 20 फीसद की कमी दर्ज की गई। भारतीय फर्नीचर के लिए अमेरिका एक प्रमुख बाजार हो सकता है क्योंकि चीन में श्रमिकों की लागत बढ़ने से वहां के फर्नीचर पहले ही महंगे चुके हैं। अमेरिका हर साल 72 अरब डॉलर के फर्नीचर का आयात करता है। वहीं यूरोप सालाना 100 अरब डॉलर के फर्नीचर का आयात करता है।
यूरोप में भी तैयार हो रहा चीन के खिलाफ व्यापारिक माहौल
कोरोना वायरस की उत्पत्ति में चीन की संदिग्ध भूमिका की वजह से यूरोप में भी चीन के खिलाफ व्यापारिक माहौल तैयार हो रहा है जिसका फायदा भारत को मिल सकता है। हालांकि वियतनाम से जैसे देशों से भारत को फर्नीचर निर्यात में कड़ा मुकाबला मिल सकता है। फर्नीचर विशेषज्ञों के मुताबिक भारत में फर्नीचर से जुड़े कच्चे माल चीन के मुकाबले 60 फीसद अधिक महंगे है। उदाहरण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के एक पीस फोम की कीमत भारत में जीएसटी के साथ 748 रुपए की होती है जबकि चीन में समान गुणवत्ता वाले फोन की कीमत 455 रुपए है।
हैंडीक्राफ्ट्स आइटम के आयात पर शुल्क लगाने की तैयारी वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के विदेश व्यापार महानिदेशालय के मुताबिक हैंडीक्राफ्ट्स से जुड़े चार आइटम के आयात शुल्क में बढ़ोत्तरी पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। इनमें कैंडल्स, सेरामिक आर्टिकल्स व ग्लास आर्टिकल्स मुख्य रूप से शामिल हैं। हैंडीक्राफ्ट्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने चीन से आने वाले आइटम पर आयात शुल्क बढ़ाने की मांग की थी।