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Indo-China Trade Relations: जानिए चीन से किन वस्तुओं का आयात करता है भारत

चीन से भारत मुख्य रूप से इलेक्ट्रानिक उपकरण घड़ियों खिलौने स्पोर्ट्स आइटम फर्नीचर म्यूजिकल इंस्ट्रुमेंट्स गद्दों बिजली के सामान फर्नीचर फर्टलाइजर इत्यादि का आयात करता है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 01:52 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 07:22 AM (IST)
Indo-China Trade Relations: जानिए चीन से किन वस्तुओं का आयात करता है भारत
Indo-China Trade Relations: जानिए चीन से किन वस्तुओं का आयात करता है भारत

नई दिल्ली, अंकित कुमार। लद्दाख के गलवान घाटी में हाल में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद देश में चीन से आयातित वस्तुओं के बहिष्कार को लेकर बड़े पैमाने पर अभियान चल रहा है। ऐसे समय में चीन से व्यापारिक रिश्ते को लेकर भी तमाम तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे समय में हमारे लिए यह जानना अहम है कि चीन से अपना देश किन सामानों का आयात करता है और उसे किन वस्तुओं का निर्यात करता है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के कुल आयात में चीन की हिस्‍सेदारी 14 फीसद के आसपास बैठती है। चीन से भारत मुख्य रूप से मोबाइल फोन, टेलीकॉम, पावर, प्‍लास्टिक के खिलौने और फार्मा इन्‍ग्रेडिएंट्स का आयात करता है।  

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दोनों देशों के बीच व्यापार का लेखाजोखा

चीन से आयात में कमी आने की वजह से वित्‍त वर्ष 2019-20 में भारत का व्‍यापार घाटा कम होकर 48.66 अरब डॉलर पर रह गया। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वित्‍त वर्ष 2019-20 में चीन को भारत से 16.6 अरब डॉलर के वस्तुओं का निर्यात किया गया था। वहीं, इसी अवधि में चीन से आयातित वस्तुओं का मूल्‍य 65.26 अरब डॉलर रहा। भारत और चीन के बीच व्‍यापार घाटा 2018-19 में 53.56 अरब डॉलर और 2017-18 में 63 अरब डॉलर था। 

(यह भी पढ़ेंः चीन में बैंकों के डूबने की आशंका से भारी निकासी कर रहे ग्राहक, इसे रोकने को ड्रैगन का नया प्लान)   

चीन से भारत मुख्य रूप से इलेक्ट्रानिक उपकरण, घड़ियों, खिलौने, स्पोर्ट्स आइटम, फर्नीचर, म्यूजिकल इंस्ट्रुमेंट्स, गद्दों, बिजली के सामान, फर्नीचर, फर्टलाइजर, लोहा और स्टील के सामान, धातुओं और खनिज तेल का आयात करता है। 

चीन से आयात होने वाले प्रमुख आइटमः

सामान कुल वैल्यू
 इलेक्ट्रिकल्स एवं इलेक्ट्रॉनिक्स  19.1 अरब डॉलर
 न्यूक्लियर रिएक्टर, बॉयलर व मशीनरी  13.32 अरब डॉलर
 आर्गेनिक केमिकल्स  7.97 अरब डॉलर
 प्लास्टिक एंड आर्टिकल्स  2.71 अरब डॉलर
 फर्टलाइजर  1.82 अरब डॉलर
 आयरन, स्टील आर्टिकल्स  1.58 अरब डॉलर
 मेडिकल, ऑप्टिकल, फोटोग्राफी जैसे आइटम्स  1.34 अरब डॉलर
 विविध केमिकल प्रोडक्ट्स  1.2 अरब डॉलर

(स्रोतः वाणिज्य मंत्रालय, वित्त वर्ष-2019-20)  

इसी बीच आपको बताते चलें कि वर्ष 2005-06 से लेकर वर्ष 2013-14 के दौरान चीन से होने वाले आयात में पांच गुनी बढ़ोतरी दर्ज की गई। वहीं चीन को होने वाले निर्यात में इन 8 सालों में सिर्फ 22 फीसद का इजाफा हो सका। 2005-06 का 10.8 अरब डॉलर का आयात 2013-14 में 51 अरब डॉलर का हो गया। लेकिन इस अवधि में निर्यात 6.7 अरब डॉलर से बढ़कर सिर्फ 11.9 अरब डॉलर तक पहुंच सका।

यहीं वजह है कि समय-समय पर भारत व्यापार घाटे में बढ़ोत्तरी का सवाला उठाता रहता है। मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत को प्रमोट करने के लिए हमारे देश ने कई तरह के कदम उठाए हैं। इनमें टेक्निकल रेगुलेशन तय करना और कई तरह के प्रोडक्ट्स की क्वालिटी का स्टैंडर्ड सेट करना प्रमुख है। सरकार ने चीन से आयातित कई तरह की वस्तुओं पर एंटी-डंपिंग शुल्क भी लगाया है। 

इन सेक्टर्स में कड़ी टक्कर दे सकता है भारत

देश के सबसे बड़े बैंक SBI की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्विसेज और मर्चेंडाइज ट्रेड एक्सपोर्ट के डेटा इस ओर इशारा करते हैं कि भारत सर्विसेज के मोर्चे पर निश्चित रूप से चीन को टक्कर दे सकता है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की तुलना में भारत कहीं ज्यादा अधिक पैमाने पर टेलीकॉम्युनिकेशन्स, कंप्यूटर और इंफॉर्मेशन सर्विसेज का निर्यात करता है। एसबीआई समूह के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष की रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षा कारणों से चीन के 59 एप को प्रतिबंधित किए जाने के बाद भारत की टेक कंपनियों के पास उन एप्स के टक्कर के एप डेवलप करने का अवसर है।


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