प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी India Ideas Summit को आज करेंगे संबोधित, बेहतर भविष्य के निर्माण पर रखेंगे अपनी बात
India Ideas Summit 2020 उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए बताया कि भारत और अमेरिका एक व्यापारिक सौदे के काफी नजदीक हैं।
नई दिल्ली, एएनआई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को 'India Ideas Summit' को संबोधित करेंगे। इस सम्मेलन का आयोजन यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल की ओर से किया जा रहा है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, 'इस साल परिषद के गठन की 45वीं वर्षगांठ है। India Ideas Summit की इस साल की थीम 'बेहतर भविष्य का निर्माण' है।' मंगलवार से आरम्भ हुए इस वर्चुअल सम्मेलन में भारत और अमेरिका के वरिष्ठ नीति निर्माता, राज्य सरकार के अधिकारी और बिजनेस लीडर्स हिस्सा ले रहे हैं।
पीएमओ ने कहा है, ''विदेश मंत्री एस जयशंकर, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ, वर्जीनिया के सीनेटर और 'सीनेट इंडिया कॉकस' के सह-अध्यक्ष और अमेरिकी सांसद मार्क वार्नर और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली भी इस सम्मेलन को संबोधित करेंगी।''
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि इस सम्मेलन में अमेरिका-भारत सहयोग और महामारी के बाद के समय में दोनों देशों के बीच के रिश्तों के भविष्य को लेकर चर्चा होगी। इस सम्मेलन में भारत सरकार और अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारी भी हिस्सा लेंगे, जो महामारी के बाद रिकवरी का एजेंडा तैयार कर रहे हैं।
Looking forward to addressing the #IndiaIdeasSummit, organised by @USIBC today at 9 PM. Will be sharing my views on ‘Building a Better Future.’ Do watch. https://t.co/70XBBZRghL" rel="nofollow— Narendra Modi (@narendramodi) July 22, 2020
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत और अमेरिका एक व्यापारिक सौदे के काफी नजदीक हैं।
वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए और नीतिगत उपाय कर सकती है।
U.S.-India Business Council को जानिए
U.S.-India Business Council (USIBC) की स्थापना 1975 में हुई थी। यह एक बिजनेस एडवोकेसी ऑर्गनाइजेशन है जो भारत और अमेरिका की निजी कंपनियों को निवेश का प्रवाह बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करती है। यह संगठन सरकारों और कारोबारी संगठनों के बीच सेतु का काम करता है। इससे कारोबार और निवेश में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ दोनों देशों के संबंधों को मजबूती मिलती है।