अर्थव्यवस्था पर मजबूत हुई मंदी की गिरफ्त, जून तिमाही में विकास दर (-)16.5% रहने का अनुमान: SBI report
SBI ने इससे पहले मई महीने में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 20 फीसद से अधिक के संकुचन की आशंका व्यक्त की थी।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के अर्थशास्त्रियों ने आशंका जताई है कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही अर्थात अप्रैल से जून महीने के दौरान देश की जीडीपी (GDP) में 16.5 फीसद का संकुचन आ सकता है। एसबीआई ने इससे पहले मई महीने में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 20 फीसद से अधिक के संकुचन की आशंका व्यक्त की थी। गौरतलब है कि कोरना वायरस महामारी और लॉकडाउन के कारण पहली तिमाही में औद्योगिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित रही थीं।
बैंक के अर्थशास्त्रियों ने अपनी रिपोर्ट इकोरैप (Ecowrap) में कहा, 'सूचीबद्ध कंपनियों की बात करें, तो वित्त वर्ष 2020-21 में आय में गिरावट के मुकाबले कॉरपोरेट जीवीए बेहतर रहा है। एक हजार सूचीबद्ध कंपनियों के परिणामों के अनुसार, उनकी सकल आय में 25 फीसद से अधिक की गिरावट आयी है जबकि लाभ में 55 फीसद से अधिक की गिरावट दर्ज की गयी है। वहीं, कॉरपोरेट जीवीए में गिरावट सिर्फ 14.1 फीसद ही है।'
रिपोर्ट ने आगे बताया, 'सैद्धांतिक रूप से देखें तो इन कंपनियों की आय में कमी की भरपाई लागत को युक्तिसंगत किया गया है। इससे कंपनियों का मार्जिन प्रभावित नहीं होगा।' रिपोर्ट में आगे बताया गया, 'कोरोना वायरस के मामले दूर-दराज के क्षेत्रों में भी बढ़ रहे हैं। जुलाई-अगस्त के दौरान ग्रामीण इलाकों में कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप हुआ है। ऐसे ग्रामीण जिलों की संख्या में गिरावट आई है, जहां 10 से कम कोरोना वायरस के मामले थे।'
रिपोर्ट में आगे बताया, 'राज्यवार विश्लेषण करने पर कुल जीडीपी संकुचन में शीर्ष दस राज्यों की हिस्सेदारी 73.8 फीसद होने के संकेत मिले हैं। इसमें अकेले महाराष्ट्र की 14.2 फीसद हिस्सेदारी है। इसके बाद तमिलनाडु की 9.2 फीसद और उत्तर प्रदेश की 8.2 फीसद हिस्सेदारी है।'