सरकार ने भी माना GDP में होगी गिरावट, कहां रुकेगा ग्राफ यह दूसरी छमाही के प्रदर्शन पर करेगा निर्भर
मुख्य आर्थिक सलाहकार के. सुब्रमण्यन ने कहा कि आर्थिक विकास रिकवरी पर निर्भर करेगा और रिकवरी चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में भी हो सकती है या अगले साल भी हो सकती है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के बाद अब सरकार भी मानने लगी है कि कोविड-19 की वजह से चालू वित्त वर्ष 2020-21 की विकास दर में गिरावट हो सकती है। मुख्य आर्थिक सलाहकार के. सुब्रमण्यन ने गुरुवार को इस बात के साफ संकेत दिए। उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास रिकवरी पर निर्भर करेगा और रिकवरी चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में भी हो सकती है या अगले साल भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस साल उत्पादन में गिरावट की उम्मीद है।
हालांकि, उन्होंने स्पैनिश फ्लू की तरह रिकवरी के बाद वी-शेप के विकास की भी उम्मीद जताई। सुब्रमण्यन ने कहा कि इस साल अप्रैल में चालू वित्त वर्ष के लिए 1.5-2 फीसद विकास दर का अनुमान लगाया जा रहा था। लेकिन अब कई अनिश्चितताएं हैं। राहत पैकेज एवं आत्मनिर्भर भारत को लेकर जो घोषणाएं हुई हैं, उन सबको ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्रालय आर्थिक विकास को लेकर आंतरिक मूल्यांकन कर रहा है।
हाल ही में रेटिंग एजेंसी मूडीज द्वारा भारत की रेटिंग को कम करने के मामले में मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि सभी रेटिंग एजेंसियों ने भारत की इंवेस्टमेंट ग्रेड को बरकरार रखा हैं। उन्होंने कहा कि भारत की देनदारी क्षमता पर कोई सवाल नहीं उठाया सकता है कि क्योंकि भारत उधार चुकाने की क्षमता एवं इच्छा दोनों रखता है। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि रेटिंग एजेंसी एसएंडपी और फिच ने अगले साल के लिए क्रमश: 8.5 फीसद और 9.5 फीसद की विकास दर का अनुमान लगाया है जो भारत के लिए अच्छी खबर है।
कोरोना के बाद वी शेप की रिकवरी को लेकर आशान्वित मुख्य आर्थिक सलाहकार ने स्पैनिश फ्लू का हवाला देते हुए कहा कि उस दौरान दुनिया की एक तिहाई आबादी संक्रमित थी जबकि अभी सिर्फ एक फीसद आबादी संक्रमित है। स्पैनिश फ्लू के दौरान संक्रमण की मृत्यु दर 10 फीसद थी जबकि अभी 3.4 फीसद है। ऐसे में कोरोना खत्म होने के बाद वी शेप रिकवरी की गुंजाइश है।
निवेश को लेकर आशान्वित
सुब्रमण्यन ने कहा कि वैश्विक महामारी की वजह से इस साल निवेश कम हो सकता है लेकिन सरकार की तरफ से लंबे समय को ध्यान में रखते हुए आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा की वजह से विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआइ) में बढ़ोतरी हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत केंद्रीय सार्वजनिक कंपनियों के विनिवेश को लेकर जो घोषणा की गई थी उसके तहत स्ट्रैटेजिक सेक्टर की पहचान की जा रही है। उन्होंने बताया कि बैंकिंग स्ट्रैटेजिक सेक्टर में रखा जाएगा। इसी प्रकार अन्य सेक्टर की पहचान जारी है। स्ट्रैटेजिक सेक्टर में सरकारी कंपनियों की संख्या एक से चार रहेंगी।