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Gold Hallmarking के सा‍थ मिलेंगे आभूषण, जानिए आपके पुराने Gold पर क्‍या होगा असर

Gold jewellery की खरीदारी 16 जून से बदल गई है। अब आपको ज्‍वेलरी पर अलग-अलग मार्क दिखेंगे। मैन्‍गीफाइंग ग्‍लास से देखने पर जेवरात पर 5 मार्क दिखेंगे। इनमें BIS Logo सोने की शुद्धता बताने वाला नंबर हॉलमार्किंग सेंटर का Logo मार्किंग का साल और ज्‍वेलर आइडेंटिफिकेशन नंबर दर्ज होगा।

By Ashish DeepEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 08:26 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 10:16 AM (IST)
40 प्रतिशत सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग हो रही है। (Pti)

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। Gold jewellery की खरीदारी अब बदल गई है। अब आपको ज्‍वेलरी पर अलग-अलग मार्क दिखेंगे। मैग्‍नीफाइंग ग्‍लास से देखने पर जेवरात पर 5 मार्क दिखेंगे। इनमें BIS Logo, सोने की शुद्धता बताने वाला नंबर, हॉलमार्किंग सेंटर का Logo, मार्किंग का साल और ज्‍वेलर आइडेंटिफिकेशन नंबर दर्ज होगा। यानि आप को सेंट पर्सेंट शुद्ध सोना मिलेगा। 

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केंद्र सरकार ने Gold Jewellery और कलाकृतियों के लिए अनिवार्य रूप से हॉलमार्किंग व्यवस्था लागू करने की समयसीमा एक जून से बढ़ाकर 15 जून कर दी थी। इसके बाद जौहरियों को सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट के सोने के आभूषण बेचने की इजाजत होगी। BIS अप्रैल 2000 से सोने के आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग योजना चला रहा है। वर्तमान में लगभग 40 प्रतिशत सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग हो रही है।

क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट

आनंद राठी के नवीन माथुर की मानें तो नए कानून से ग्राहक का हित सुरक्षित रहेगा। ग्राहक को ठगा नहीं जा सकेगा। सोने की शुद्धता पर थर्ड पार्टी की गारंटी होगी।

पुराने Gold का क्‍या होगा हाल

नवीन माथुर के मुताबिक Gold Hallmarking का घर में रखे सोने पर कोई असर नहीं पड़ेगा। ग्राहक कभी भी चाहे पुरानी ज्‍वेलरी बेच सकता है। क्‍योंकि Hallmarking सुनार के लिए जरूरी नियम है। वह बिना हॉलमार्क के सोना नहीं बेच पाएगा।

अब कैसी दिखेगी ज्‍वेलरी

हॉलमार्क ज्‍वेलरी पर अलग-अलग मार्क होंगे। मैग्‍नीफाइंग ग्‍लास से देखने पर जेवरात पर 5 मार्क दिखेंगे। इनमें BIS Logo, सोने की शुद्धता बताने वाला नंबर जैसे 22k या 916, हॉलमार्किंग सेंटर का लोगो, मार्किंग का साल और ज्‍वेलर आइडेंटिफिकेशन नंबर दर्ज होगा।

2019 में आया था आदेश

नवंबर 2019 में सरकार ने स्वर्ण आभूषण और कलाकृतियों पर ‘हॉलमार्किंग’ 15 जनवरी, 2021 से अनिवार्य करने की घोषणा की थी। हालांकि जौहरियों की Covid महामारी के कारण समयसीमा बढ़ाने की मांग के बाद इसे 4 महीने आगे कर दिया गया था। गोल्ड हॉलमार्किंग कीमती धातु की शुद्धता को प्रमाणित करता है और वर्तमान में यह स्वैच्छिक है।

समिति बनी

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के महानिदेशक प्रमोद तिवारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। समिति में उपभोक्ता मामलों के विभाग की अतिरिक्त सचिव निधि खरे और ज्‍वेलर्स एसोसिएशन, व्यापार और हॉलमार्किंग निकायों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। सोने के आभूषणों में भारत के पास विश्व के बेहतरीन मानक होने चाहिए।

ज्‍वेलरी पर भरोसा

सोने के आभूषण को लेकर भरोसा और ग्राहकों के संतोष को बढ़ाने के लिये शुद्धता और गुणवत्ता को लेकर तीसरे पक्ष के आश्वासन के माध्यम से आभूषणों/कलाकृतियों की हॉलमार्किंग जरूरी है। यह कदम भारत को दुनिया में एक प्रमुख स्वर्ण बाजार केंद्र के रूप में विकसित करने में भी मदद करेगा।


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