अनलॉक के बाद बढ़ने लगी रोजगार की दर, पिछले एक सप्ताह में रोजगार दर में 3.3 फीसद का इजाफा
सीएमआईई की रिपोर्ट के मुताबिक 14 जून को समाप्त सप्ताह के दौरान लेबर पार्टिशिपेशन रेट (एलपीआर) 40.4 फीसद के स्तर पर पहुंच गई जो लॉकडाउन से पहले के स्तर से थोड़ी ही कम है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आर्थिक मोर्चे पर देश के लिए एक और राहत की खबर है। वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) व निर्यात में तेजी के बाद अब रोजगार की दर में बढ़ोतरी दिख रही है। 14 जून को समाप्त सप्ताह में रोजगार की दर में 7 जून को समाप्त सप्ताह के मुकाबले 3.3 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई। 14 जनवरी को समाप्त हुए सप्ताह में रोजगार की दर 35.7 फीसद रही। इससे पूर्व के सप्ताह में यह दर 32.4 फीसद थी।
हालांकि यह स्तर फरवरी के आखिर के 39.5 फीसद के स्तर से काफी कम है। यह खुलासा सेंटर फॉर मोनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान जिन लोगों की नौकरी चली गई थी, धीरे-धीरे उन्हें नौकरी मिल रही है। हालांकि बेरोजगारी की दर अब भी काफी अधिक है। लेकिन 25 मार्च को लॉकडाउन के बाद की बेरोजगारी दर से स्थिति में काफी सुधार हुआ है। लॉकडाउन के तुरंत बाद वाले सप्ताह में रोजगार की दर में 10 फीसद की गिरावट दर्ज की गई थी।
गत 29 मार्च को रोजगार की दर 29 फीसद थी जो 19 अप्रैल को समाप्त सप्ताह के दौरान 26.1 फीसद हो गई थी। सीएमआईई के मुताबिक अगर 35.7 फीसद रोजगार दर है तो इसका मतलब यह हुआ कि देश में 14 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों के पास रोजगार है।सीएमआईई की रिपोर्ट के मुताबिक शहरी इलाके के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में रोजगार में रिकवरी अच्छी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गत एक जून से चरणबद्ध तरीके से सरकार अर्थव्यवस्था खोल रही है जिसका असर आने वाले सप्ताह में दिखेगा।
सीएमआईई की रिपोर्ट के मुताबिक 14 जून को समाप्त सप्ताह के दौरान लेबर पार्टिशिपेशन रेट (एलपीआर) 40.4 फीसद के स्तर पर पहुंच गई जो लॉकडाउन से पहले के स्तर से थोड़ी ही कम है। लॉकडाउन के पहले एलपीआर 42.7 फीसद थी।गत मई माह में इस साल अप्रैल के मुकाबले जीएसटी कलेक्शन और निर्यात दोनों में बढ़ोतरी रही। इस साल अप्रैल में 10.4 अरब डॉलर का निर्यात किया गया था जो मई में बढ़कर 19 अरब डॉलर का हो गया। वहीं अप्रैल में जीएसटी कलेक्शन 32,172 करोड़ था जो कि मई में बढ़कर 62,151 करोड़ के स्तर पर पहुंच गया।