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India Economic Summit: इन पांच कारणों से भारत बन सकता 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के अपनी सरकार के लक्ष्यो को दोहरा चुके हैं।

By Ankit KumarEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 01:45 PM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 01:45 PM (IST)
India Economic Summit: इन पांच कारणों से भारत बन सकता 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी
India Economic Summit: इन पांच कारणों से भारत बन सकता 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) के सचिव गुरुप्रसाद महापात्र ने गुरुवार को कहा कि केंद्र में ठोस नीतियों को तरजीह देने वाली सरकार है और इस दम पर देश को 2024 तक 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत में तमाम संभावनाएं मौजूद हैं और वर्ष 2024 तक 5 ट्रिलियन और 2030 तक 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं। महापात्र ने कहा कि केंद्र तथा राज्यों में मजबूत नीतियों को तरजीह देने वाली सरकारों के होने और परिस्थितियों के अनुकूल होने के कारण भारत में ऐसा कर पाना पूरी तरह से मुमकिन है। 

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महापात्र के मुताबिक भारत इन पांच कारणों से बन सकता है 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी  

1. सरकार जिस प्रकार उद्योग जगत का नेतृत्व कर रही, उससे इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।

2. पांच साल में कारोबार को सुगम बनाने के लिए किये गए प्रयासों का मिलेगा फायदा। अभी हम 77वें पायदान पर हैं और उम्मीद है कि अगली सूची में रैंकिंग और बेहतर होगी।

3. स्टार्टअप के लिए विकसित किये जा रहे इको-सिस्टम से भी इस लक्ष्य को हासिल करने की राह हो जाएगी आसान।

4. अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए हाल में किये गए ठोस उपायों से भी दीर्घावधि में अर्थव्यवस्था की सेहत सुधरेगी और पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने के लक्ष्य को हासिल किया जा सकेगा। 

5. वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम के इंडिया इकोनॉमिक समिट के दौरान हुई चर्चाओं से भी मिलेगी आगे बढ़ने की दिशा। 

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के अपनी सरकार के लक्ष्यो को दोहरा चुके हैं। हाल में अमेरिका के ह्यूस्टन में आयोजित 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम के दौरान भी उन्होंने इस लक्ष्य के बारे में काफी प्रमुखता से अपनी बात रखी थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच जुलाई, 2019 को चालू वित्त वर्ष का बजट पेश करते हुए सबसे पहले इस लक्ष्य के बारे में बात की थी। उन्होंने इस लक्ष्य को निवेश आधारित बताया था। सरकार ने देश में निवेश को आकर्षित करने के लिए हाल में कई कदम उठाए हैं। इनमें कॉरपोरेट टैक्स को 30 फीसद से घटाकर 22 फीसद करने का फैसला भी शामिल है।


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