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फिनटेक क्रांति का नया गढ़ बन रहा भारत, 2,500 फिनटेक कंपनियां पिछले पांच वर्षो में स्थापित

Google Pay (गूगल पे) ने अपने ग्राहकों को यह सुविधा दी है कि वह कुछ ही सेकेंड में अपनी राशि फिक्स्ड डिपाजिट स्कीम के तहत निवेश कर सकते हैं। निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक ने पेटीएम के साथ रणनीतिक समझौता किया है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Thu, 02 Sep 2021 08:18 PM (IST)Updated: Fri, 03 Sep 2021 07:30 AM (IST)
फिनटेक क्रांति का नया गढ़ बन रहा भारत, 2,500 फिनटेक कंपनियां पिछले पांच वर्षो में स्थापित
भारत में टेक्नोलोजी को आधार बनाकर वित्तीय सेवा देने वाली कंपनियों की गतिशीलता कतई चौंकाने वाली नहीं है।

नई दिल्ली, जयप्रकाश रंजन। Google Pay (गूगल पे) ने अपने ग्राहकों को यह सुविधा दी है कि वह कुछ ही सेकेंड में अपनी राशि फिक्स्ड डिपाजिट स्कीम के तहत निवेश कर सकते हैं। निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक ने पेटीएम के साथ रणनीतिक समझौता किया है जिसका मकसद भारतीय ग्राहकों को कई तरह की पेमेंट सुविधा उपलब्ध कराना है। फेसबुक ने छोटे व मझोले उद्यमियों को कर्ज देने के लिए एक नए कार्यक्रम की घोषणा की है जहां बहुत ही आसानी से 50 लाख रुपये तक का कर्ज लिया जा सकता है। इसी सप्ताह मंगलवार को मशहूर अंतरराष्ट्रीय कंपनी प्रोसस ने भारतीय भुगतान कंपनी बिलडेस्क का 4.7 अरब डालर में अधिग्रहण किया है। दुनिया की दिग्गज ई-कामर्स कंपनी अमेजन इंक ने पहली बार भारत के फिनटेक सेक्टर में निवेश की शुरुआत कर दी है। ये पांचों घोषणाएं पिछले सिर्फ एक पखवाड़े में हुई हैं।

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भारत में टेक्नोलोजी को आधार बनाकर वित्तीय सेवा देने वाली कंपनियों की गतिशीलता कतई चौंकाने वाली नहीं है। जानकारों का कहना है कि इतनी बड़ी आबादी, पूरी इकोनामी में तेजी से वृद्धि करने की अकूत क्षमता, इस क्षेत्र में काम करने के लिए पूरी तरह तैयार बेहद योग्य युवाओं का बड़ा वर्ग और कारोबार के अनुकूल माहौल की वजह से भारतीय फिनटेक सेक्टर में निवेश करने के लिए चीन, अमेरिका, यूरोप, जापान के बड़े निवेशकों में होड़ सी है। निश्चित तौर पर यह करोड़ों लोगों को आसानी से, कम लागत पर और बेहद सुरक्षित लेनदेन की जमीन तैयार कर रहा है। साथ ही यह देश के पारंपरिक वित्तीय सेक्टर में बड़े बदलाव की दस्तक दे रहा है। अगले पांच वर्षो में भारतीय फिनटेक का आकार 150 अरब डालर पर पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।

फिनटेक काम कैसे करता है और यह आम जनता के जीवन में कैसे बदलाव लाएगा, इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है। अभी एक छोटे कारोबारी को कर्ज लेने के लिए सारे कारोबारी कागजात व पर्सनल डाक्यूमेंट्स के साथ बैंक जाना पड़ता है। लेकिन छोटी व मझोली कंपनियों (एमएसएसएमई) को कर्ज देने वाली फिनटेक कंपनी कुछ मिनटों में ही इसका मूल्यांकन कर लेगी कि अमुक कंपनी कर्ज देने के लायक है भी या नहीं। इसकी वजह यह है कि उसके पास पहले से ही उस कारोबारी के पुराने व्यवसाय, उसका भुगतान रिकार्ड, डाटा समेत कई अन्य जानकारियां उपलब्ध हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआइ की मदद से इन आंकड़ों के चंद मिनटों में विश्लेषण से वह पता लगा लेगा कि अमुक कारोबारी को कितने समय में व कितनी दर पर कर्ज दी जा सकती है। समाज का एक बड़ा वर्ग जो वित्तीय समावेशन से अब तक अलग-थलग रहा है, उसे फिनटेक के जरिये वित्तीय सेवाओं से जोड़ा जा सकता है। कोरोना महामारी ने फिनटेक की विश्वसनीयता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। इस दौरान डिजिटल भुगतान, खरीद-बिक्री को व्यापक जनसमर्थन मिला है। ब्रिटिश सरकार की एक रिपोर्ट बताती है कि फिनटेक की वजह से दुनियाभर में पारंपरिक बैंकिंग की तस्वीर पूरी तरह से बदलने जा रही है।

पेनियरबाई के एमडी व सीईओ आनंद कुमार बजाज के मुताबिक देश में वित्तीय सेक्टर में बड़े बदलाव की शुरुआत फिनटेक ने कर दी है। यह बैंकिंग व दूसरे वित्तीय सेवा देने के मौजूदा तौर तरीकों को बदल देगा। यह रोजगार के असीमित अवसर खोलेगा और भारतीय इकोनॉमी को सही मायने में अग्रणी इकोनामी के तौर पर स्थापित करेगा। पेनियरबाई ने अगले चार वर्षों में 10 करोड़ दुकानदारों को जोड़कर एक ऐसा नेटवर्क बनाने का ढांचा तैयार करने की योजना बनाई है जिसमें आम आदमी को बैंकिंग, बीमा, हेल्थ जैसी सारी वित्तीय सेवाएं व उत्पाद बगल के किराना स्टोर से मिल सकेंगी। इसी तरह से छोटे व मझोले उद्यमियों के लिए संपूर्ण बिलिंग व अकाउंटिंग समाधान पेश करने वाली कंपनी फ्लोबिज के सीईओ राहुल राज का कहना है कि फिनटेक ने कारोबारियों को यह समझा दिया है कि वर्षों से चली आ रही यथास्थिति अब नहीं चलेगी। बैंकों को भी समझ आने लगा है कि बगैर फिनटेक के अब काम नहीं चलने वाला। अब वेल्थ मैनेजमेंट, ट्रेजरी मैनेजमेंट, बीमा जैसे क्षेत्रों में भी सर्विस को पूरा बदलना होगा।

पिछले कुछ समय के दौरान क्रेड जैसी फिनटेक कंपनियां भी सामने आई हैं, जिसके प्लेटफार्म से एक ग्राहक दूसरे को कर्ज दे सकते हैं। यही वजह है कि एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक, एसबीआइ, पीएनबी जैसे तमाम निजी व सरकारी बैंक की भावी रणनीति पूरी तरह से फिनटेक आधारित दिखती है। एचडीएफसी ने पेटीएम के साथ करार कर लिया है। एक्सिस बैंक कई फिनटेक से बात कर रहा है ताकि होम लोन, आटो लोन व दूसरे लोन में हिस्सेदारी बढ़ सके।

सरकार व आरबीआइ भी नए बदलाव के हिसाब से अपने आपको तैयार कर रहे हैं। पिछले दिनों बैंकों के साथ बैठक में आरबीआइ गर्वनर शक्तिकांत दास ने स्पष्ट कर दिया था कि उन्होंने तकनीक की वजह से होने वाले उथल-पुथल के लिए अभी से रणनीति बना लेनी चाहिए। ब्लाकचेन, क्रिप्टोकरेंसी, रैगटेग और 5जी तकनीक और तेजी से बदलाव लाएंगे। फिनटेक फेस्टिवल इंडिया 2021-22 में इलेक्ट्रानिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की आर्थिक सलाहकार सिम्मी चौधरी ने सरकार की मंशा साफ करते हुए कहा कि आधार व भीम यूपीआइ ने बदलाव की जो जमीन तैयार की है वह सिर्फ शुरुआत है।


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