Manufacturing PMI INDIA: कोरोना के कारण धीमी हुईं निर्माण सेक्टर की गतिविधियां, फिर भी पीएमआई अगस्त में रहा 52.3
PMI देश का मैन्युफैक्चरिंग उद्योग फिर बढ़ रहा है। भारत का मैन्युफैक्चरिंग PMI अगस्त में भी 50 के ऊपर है। अप्रैल के बाद से इसमें गिरावट आई थी क्योंकि Covid की दूसरी लहर से तमाम लोग अपनी नौकरी गंवा बैठे हैं। अब इसमें सुधार दिख रहा है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। Lockdown खुलने के साथ ही देश की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री फिर फलफूल रही है। ये गवाही और कोई नहीं बल्कि आंकड़े दे रहे हैं। भारत का मैन्युफैक्चरिंग PMI (परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) अगस्त में भी 50 के ऊपर रहा है। इस बार मैन्युफैक्चरिंग PMI 52.3 है। हालांकि जुलाई में यह 55.3 पर था। वहीं चीन के आंकड़ों पर निगाह डालें तो पाएंगे कि वहां निर्यात मांग कमजोर पड़ने से अगस्त में विनिर्माण गतिविधियां (Manufacturing Activities) सुस्त पड़ी हैं। चीन का PMI अगस्त में घटकर 50.1 हो गया है। जुलाई में PMI 50.4 था।
लगातार दूसरे महीने सुधार
आईएचएस मार्किट में अर्थशास्त्र की एसोसिएट निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि IHS Markit India Manufacturing PMI के सर्वे के मुताबिक भारत में हर ऑपरेटिंग स्थिति में लगातार दूसरे महीने सुधार है। इससे पहले जुलाई में देश की मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियों में बीते तीन माह में सबसे मजबूत बढ़ोतरी देखने को मिली थी।
क्या है PMI के मायने
अगर PMI 50 से ऊपर है तो इसके मायने हैं कि गतिविधियों में बढ़ोतरी हो रही है, जबकि 50 से कम अंक गतिविधियों में गिरावट को दर्शाते हैं। बता दें कि Corona Virus के मामलों में बढ़ोतरी और स्थानीय स्तर पर सख्त प्रतिबंधों के चलते विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में 11 महीनों में पहली बार जून में गिरावट आई थी। इससे बड़ी संख्या में लोगों की नौकरी छूट गईं। मौसमी रूप से समायोजित आईएचएस मार्किट इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) जून में घटकर 48.1 रह गया था, जो मई में 50.8 था।
अप्रैल के बाद गिरावट
मई 2021 के दौरान भी मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की गतिविधियों में गिरावट देखने को मिली थी। PMI मई में गिरकर 50.8 पर आ गया था, जो अप्रैल में इससे कहीं ऊपर 55.5 पर था। इस दौरान कंपनियों के पास नया काम और उत्पादन बीते 10 महीनों में सबसे कम था।
क्या कहा था एक्सपर्ट ने
लीमा ने जून PMI के आंकड़े आने पर कहा था कि भारतीय मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में तनाव बढ़ने के संकेत हैं, क्योंकि Covid 19 संकट तेज हो गया है। मौजूदा बिक्री, उत्पादन और कच्चे माल की खरीद मई में काफी कमजोर हो गई और ये पिछले 10 महीनों में सबसे धीमी गति से वृद्धि की ओर इशारा कर रहा है।