Move to Jagran APP

कोरोना के बढ़ते मामलों का आर्थिक रिकवरी पर असर नहीं, लॉकडाउन के नहीं हैं कोई संकेत

मंत्रालय ने कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के लिए लॉकडाउन नहीं लगाने के भी संकेत दिए। उसके मुताबिक देश इस वायरस से लड़ने में पूरी तरह सक्षम है। देश के पास जांच से लेकर टीकाकरण के लिए पर्याप्त सुविधाएं हैं।

By NiteshEdited By: Published: Tue, 06 Apr 2021 08:19 AM (IST)Updated: Tue, 06 Apr 2021 09:02 AM (IST)
कोरोना के बढ़ते मामलों का आर्थिक रिकवरी पर असर नहीं, लॉकडाउन के नहीं हैं कोई संकेत
देश के पास जांच से लेकर टीकाकरण के लिए पर्याप्त सुविधाएं हैं।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड मामले सामने आने के बावजूद अर्थव्यवस्था की रिकवरी जारी रहेगी। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को जारी अपनी मासिक रिपोर्ट में दावा किया है कि नया वित्त वर्ष (2021-22) अधिक सुनहरा और आत्मनिर्भरता वाला होगा। मंत्रालय ने कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के लिए लॉकडाउन नहीं लगाने के भी संकेत दिए। उसके मुताबिक देश इस वायरस से लड़ने में पूरी तरह सक्षम है। देश के पास जांच से लेकर टीकाकरण के लिए पर्याप्त सुविधाएं हैं।

loksabha election banner

मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अर्थव्यवस्था के कई प्रमुख सेक्टर कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद रिकवरी के संकेत दे रहे हैं। इनमें सबसे अधिक महत्वपूर्ण कृषि क्षेत्र है जिसने लगातार पांचवें वर्ष उत्पादन का पिछला रिकॉर्ड तोड़ा है। फसल वर्ष 2020-21 में अनाज का उत्पादन 30.33 करोड़ टन को छूने जा रहा है। वित्त वर्ष 2020-21 में मनरेगा के तहत अब तक का रिकॉर्ड रोजगार दिया गया जो वित्त वर्ष 2019-20 के मुकाबले 44.7 फीसद अधिक है। 

ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रिकवरी के साथ मार्च में जीएसटी संग्रह, रेल ढुलाई, घरेलू हवाई यात्रा, डिजिटल भुगतान में पिछले वर्ष समान महीने के मुकाबले बढ़ोतरी रही। मार्च के निर्यात में भी 58.5 फीसद की रिकॉर्ड बढ़ोतरी रही। इन सबके साथ वित्तीय स्तर पर भी अर्थव्यवस्था में रिकवरी हुई है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 के अप्रैल-फरवरी के दौरान केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा 14.05 लाख करोड़ रहा जो संशोधित अनुमान का 76 फीसद है। 

केंद्र सरकार का कर राजस्व संग्रह भी संशोधित अनुमान से अधिक होने वाला है।निवेश में होगी तेजी बढ़ोतरीवित्त मंत्रालय ने दावा किया है कि कोरोना की दूसरी लहर से लड़ने की सरकार की तैयारियों के चलते आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत निवेश में तेजी से बढ़ोतरी होगी और बजट घोषणा के मुताबिक बुनियादी क्षेत्र और पूंजीगत व्यय को प्रोत्साहन मिलेगा। पूंजीगत व्यय का असर चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में दिखेगा। हालांकि मार्च महीने का पीएमआइ मैन्यूफैक्चरिंग स्तर 55.4 पर रहा है जो पिछले सात महीनों में सबसे कम है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.