Income Tax Returns: वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अब तक दाखिल हो चुके 4.37 करोड़ ITR, 31 दिसंबर है आखिरी तारीख
Income Tax Returns वित्त वर्ष 2019-20 (असेसमेंट वर्ष 2020-21) के लिए 28 दिसंबर तक 4.37 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल हो चुके हैं। आयकर विभाग ने मंगलवार को यह जानकारी दी है। वित्त वर्ष 2019-20 का इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2020 है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। वित्त वर्ष 2019-20 (असेसमेंट वर्ष 2020-21) के लिए 28 दिसंबर तक 4.37 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल हो चुके हैं। आयकर विभाग ने मंगलवार को यह जानकारी दी है। वित्त वर्ष 2019-20 का इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर, 2020 है। आयकर विभाग ने इस संदर्भ में ट्वीट कर कहा है, 'असेसमेंट ईयर 2020-21 (वित्त वर्ष 2019-20) के लिए 28 दिसंबर तक 4.37 करोड़ से ज्यादा आईटीआर दाखिल हो चुके हैं। क्या आपने दाखिल किया? यदि नहीं तो इंतजार मत कीजिए, आज ही अपना आयकर रिटर्न दाखिल कीजिए।'
आयकर विभाग के अनुसार, कुल आईटीआर में से 2.44 करोड़ करदाताओं ITR-1 फाइल की है। 95.64 लाख से अधिक करदाताओं ने ITR-4 दाखिल की है। 53.12 लाख से अधिक करदाताओं ने ITR-3 दाखिल की है और 32.30 लाख से अधिक करतादाओं ने ITR-2 दाखिल की है।
Over 4.37 crore Income Tax Returns for AY 2020-21 have already been filed till 28th of December, 2020.
Hope you have filed yours too!
If not filed as yet, don't wait. File your #ITR for AY 2020-21 TODAY!
Visit https://t.co/EGL31K6szN" rel="nofollow for details.#ITR#AajHiFileKaro pic.twitter.com/r7b2pNpQc4— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) December 29, 2020
यहां बता दें कि आमतौर पर इनकम टैक्स दाखिल करने की आखिरी समयसीमा 31 जुलाई होती है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए आयकर विभाग ने आईटीआर दाखिल करने की समयसीमा को 31 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दिया है।
अगर आपने भी अब तक पिछले वित्त वर्ष ( 2019-20) का इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं किया है, तो आखिरी तारीख या समयसीमा बढ़ने की प्रतीक्षा मत कीजिए और फटाफट आईटीआर दाखिल कर दीजिए।
कर एवं निवेश सलाहकार बलवंत जैन के अनुसार, आयकर से जुड़े प्रावधानों के अनुसार, विभाग द्वारा तय समयसीमा तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने पर करदाता को 10 हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ता है। हालांकि, पांच लाख रुपये तक की सालाना आमदनी वाले करदाता को विलंब शुल्क के रूप में 1,000 रुपये का जुर्माना ही देना होता है।
इसके अलावा समय पर आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने का दूसरा नुकसान इस संदर्भ में है कि पिछले वित्त वर्ष में कैपिटल गेन, हाउसिंग प्रोपर्टी और बिजनेस में अगर हानि हुई, तो उसे आप कैरी फॉरवर्ड नहीं कर सकते हैं।